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थर-थर कांपेंगे चीन और पाक, भारत ने Pinaka रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का किया सफल परीक्षण; फ्रांस भी खरीदने में दिखा चुका रुचि

DRDO tested Pinaka rocket पिनाक हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है। डीआरडीओ ने पीएसक्यूआर वेलिडेशन टेस्ट के भाग के रूप में निर्देशित पिनाक हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षणों को टेस्ट किया। राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की तारीफ की है और कहा है कि इससे सशस्त्र बलों की तोपखाने की मारक क्षमता में और इजाफा होगा।

By Agency Edited By: Mahen Khanna Updated: Fri, 15 Nov 2024 08:59 AM (IST)
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DRDO tested Pinaka rocket भारत को बड़ी सफलता। (फाइल फोटो)
एएनआइ, नई दिल्ली। DRDO tested Pinaka rocket भारत ने गुरुवार को एक बार फिर बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए पिनाक हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इन परीक्षणों के दौरान, राकेटों के व्यापक परीक्षण के माध्यम से 'प्रोविजनल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट यानी पीएसक्यूआर के मापदंडों, जैसे कि रेंजिंग, सटीकता, स्थिरता और सैल्वो मोड (सैल्वो तोपखाने या आग्नेयास्त्रों का एक साथ इस्तेमाल है जिसमें लक्ष्य को भेदने के लिए तोपों से गोलीबारी शामिल है) में कई लक्ष्यों पर निशाना साधने की दर का आकलन किया गया है। 

12 राकेटों का किया गया परीक्षण 

बयान में आगे कहा गया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने पीएसक्यूआर वेलिडेशन टेस्ट के भाग के रूप में निर्देशित पिनाक हथियार प्रणाली के उड़ान परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि लांचर उत्पादन एजेंसियों द्वारा अपग्रेड किए गए दो इन-सर्विस पिनाक लांचर से कुल बारह राकेटों का परीक्षण किया गया है। 

क्या है पिनाक हथियार?

पिनाक हथियार सिस्टम, दुश्मनों के लिए काल बनकर टूटेगा। इसकी मारक क्षमता में जबरदस्त इजाफा हुआ है। अब ये 75 किलोमीटर दूर तक 25 मीटर के दायरे में सटीक निशाना लगा सकता है। इसकी रफ्तार 1000-1200 मीटर प्रति सेकेंड है, यानी एक सेकेंड में एक किलोमीटर। फायर होने के बाद इसे रोकना नामुमकिन है। पहले पिनाक की मारक क्षमता 38 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 75 किलोमीटर हो जाएगी। इसकी सटीकता भी पहले से कई गुना बेहतर हुई है।

ये है खासित

  • मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम पिनाक में दो पॉड्स होते हैं, जिसकी एक बैटरी में छह लॉन्च वाहन होते हैं।
  • ये केवल 44 सेकंड के भीतर साल्वो मोड में सभी 12 रॉकेटों को फायर कर सकता है, यानी हर 4 सेकेंड में एक रॉकेट। 
  • इसके लोडर सिस्टम, रडार और नेटवर्क आधारित सिस्टम एक कमांड पोस्ट के साथ जुड़े होते हैं।
  • वर्तमान में ये 2 तरह का है। पहला मार्क I जिसकी रेंज 40 किलोमीटर है और दूसरा मार्क-II जिसकी रेंज 75 किलोमीटर है। 

राजनाथ बोले- सेना की बढ़ेगी ताकत

उड़ान परीक्षण अलग-अलग फील्ड फायरिंग रेंजों पर तीन चरणों में आयोजित किए गए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल परीक्षणों के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की तारीफ की है और कहा है कि इस गाइडेड पिनाक हथियार प्रणाली को शामिल करने से सशस्त्र बलों की तोपखाने की मारक क्षमता में और इजाफा होगा।

फ्रांस और आर्मेनिया ने दिखाई रुचि

पिनाका रॉकेट लॉन्चर को अमेरिका के हिमर्स सिस्टम के बराबर माना जाता है और यह भारत का पहला प्रमुख रक्षा निर्यात रहा है। दरअसल, जंग लड़ रहे आर्मेनिया ने इसका पहला ऑर्डर हमें दिया था। अब फ्रांस ने भी इस रॉकेट सिस्टम में भी रुचि दिखाई है।

चीन-पाक की बढ़ेगी बेचैनी

पिनाका रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल पहले से ही भारतीय सेना कर रही है। इसे पाकिस्तान और चीन सीमा पर तैनात किया गया है। इसकी क्षमता बढ़ने से अब दोनों देशों की बेचैनी भी बढ़ जाएगी।

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