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MUDA मामले में ED ने की छापेमारी, कमिश्नर और स्पेशल लैंड एक्यूजीशन ऑफिस की तलाशी; दस्तावेज की भी जांच जारी

मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) से जुड़े भू-आवंटन घोटाले के मामले में ईडी ने शुक्रवार को छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार ईडी अधिकारियों ने केंद्रीय अर्धसैनिक बल के साथ मैसुरु स्थित मुडा कार्यालय और बेंगलुरु सहित कुछ अन्य स्थानों पर तलाशी ली। मैसुरु स्थित तहसीलदार कार्यालय से भी दस्तावेज मांगे गए हैं। एक आरोपित देवराजू के केंगेरी स्थित आवास पर भी तलाशी ली गई। उससे पूछताछ भी की गई।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Fri, 18 Oct 2024 10:17 PM (IST)
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कमिश्नर और स्पेशल लैंड एक्यूजीशन ऑफिस की तलाशी (फाइल फोटो)
बेंगलुरु, पीटीआई: मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) से जुड़े भू-आवंटन घोटाले के मामले में ईडी ने शुक्रवार को छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार ईडी अधिकारियों ने केंद्रीय अर्धसैनिक बल के साथ मैसुरु स्थित मुडा कार्यालय और बेंगलुरु सहित कुछ अन्य स्थानों पर तलाशी ली। मैसुरु स्थित तहसीलदार कार्यालय से भी दस्तावेज मांगे गए हैं। एक आरोपित देवराजू के केंगेरी स्थित आवास पर भी तलाशी ली गई। उससे पूछताछ भी की गई।

ईडी के अधिकारी दस्तावेज की जांच कर रहे हैं। मुडा कार्यालय में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवानों को तैनात किया गया है।सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री या उनके परिवार के किसी भी परिसर में छापेमारी नहीं की गई। मुडा के सचिव प्रसन्ना कुमार ने मैसुरु में कहा, ईडी का जांच दल जो भी जानकारी मांगेगा,हम उपलब्ध कराएंगे।

ईडी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ दर्ज किया मामला

इस मामले में ईडी ने हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया, उनकी पत्नी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया है। आरोप है कि सिद्दरमैया की पत्नी को मैसुरु के पाश इलाके में मुआवजे के रूप में जो भूखंड आवंटित किए गए थे, उनकी कीमत मुडा द्वारा अधिग्रहीत की गई जमीन की तुलना में काफी अधिक थी।

मुडा ने पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें 50:50 के अनुपात से 14 भूखंड आवंटित किए थे।उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि ईडी की कार्रवाई केवल सूचना जुटाने, मामले से संबंधित दस्तावेज एकत्र करने और उनका सत्यापन करने की कवायद थी।

'ईडी को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएगा'

वहीं पूर्व सांसद डीके. सुरेश ने इसे राजनीति से प्रेरित छापेमारी करार दिया। शहरी विकास मंत्री सुरेश बीएस ने कहा कि मुडा ईडी को सभी दस्तावेज उपलब्ध कराएगा। भाजपा, जेडएस ने किया छापेमारी का स्वागत ईडी की छापेमारी का स्वागत करते हुए कर्नाटक में विपक्षी भाजपा और जदएस ने कहा कि घोटाले का पर्दाफाश करना और सच्चाई सामने लाना जरूरी है।

कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दरमैया से जुड़े भूखंड सहित 1,200 से अधिक भूखंडों से जुड़े घोटाले की सूचना मिली थी, जिसके कारण ईडी ने छापेमारी की। पूर्व कांग्रेस नेता और मुडा के अध्यक्ष रहे के. मारी गौड़ा ने खुद पत्र में कहा है कि 3,000-4,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। इस मामले में भाजपा और केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है।

केंद्रीय मंत्री और जदएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने मुडा मामले को सरकारी जमीन हड़पने वाला घोटाला करार दिया। कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच लोकायुक्त पुलिस से संभव नहीं है, जो राज्य सरकार के अधीन काम करती है।इस मामले में मैसुरु में लोकायुक्त पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर में सिद्दरमैया, उनकी पत्नी पार्वती, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू (जिससे स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) तथा अन्य को नामजद किया गया है। मुख्यमंत्री ने अपने या अपने परिवार पर लगे आरोपों को गलत करार दिया है।

दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने के कारण हुई ईडी की छापेमारी :

नारायणस्वामीकर्नाटक विधान परिषद में विपक्ष के नेता चलवाडी नारायणस्वामी ने दावा किया कि ईडी ने मुडा कार्यालय पर छापेमारी इसलिए की, क्योंकि दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए। उन्होंने कहा, ईडी अधिकारियों ने मुडा कार्यालय, तालुक कार्यालय और भूमि मालिक जे. देवराजू के आवास पर छापा मारा क्योंकि अधिकारियों ने दस्तावेज के अनुरोध को तीन बार नजरंदाज कर दिया था। सच्चाई सामने लाने के लिए मुडा मामले को सीबीआइ को सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री और राज्य के शहरी विकास मंत्री का इस्तीफा मांगा।