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Jagran Samvadi 2024: जागरण संवादी में वक्फ संपत्ति संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा, पढ़िए Waqf पर विवाद क्यों?

वक्फ संपत्ति संशोधन विधेयक- 2024 को लेकर देशभर में विवाद और असमंजस है। शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में वक्फ पर विवाद क्यों? विषय पर जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने जागरण संवादी के मंच से कहा कि वक्फ संपत्ति संशोधन विधेयक पास हो जाने के बाद किसी की संपत्ति पर सरकार कब्जा करने नहीं जा रही है।

By Jagran News Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Sun, 17 Nov 2024 10:20 AM (IST)
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'संवादी' में 'वक्फ पर विवाद क्यों' पर हुई चर्चा। फोटो- जागरण
राजीव बाजपेयी, जागरण लखनऊ: वक्फ संपत्ति संशोधन विधेयक-2024 को लेकर देशभर में विवाद और असमंजस है। शनिवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में वक्फ पर विवाद क्यों? विषय पर जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने जागरण संवादी के मंच से कहा कि वक्फ संपत्ति संशोधन विधेयक पास हो जाने के बाद किसी की संपत्ति पर सरकार कब्जा करने नहीं जा रही है।

मोदी सरकार आपसी सहमति से बिल पास कराने का प्रयास कर रही है। इसीलिए जेपीसी का भी गठन किया गया है। जगदंबिका पाल के बयान पर हाल में बड़ी संख्या में मौजूद अल्पसंख्यकों ने भी तालियां बजाकर स्वागत किया।दैनिक जागरण वाराणसी के समाचार संपादक भारतीय बसंत कुमार ने संवाद को आगे बढ़ाते हुए सवाल किया कि रेलवे और सेना के बाद देश में वक्फ की सबसे ज्यादा संपत्तियां हैं।

चौथा सत्र- वक्फ पर विवाद क्यों... पर सवाल पूछते मौलाना सूफियान निजामी । जागरण

वक्फ बोर्ड में कैसे होगा सुधार?

वक्फ बोर्ड में कैसे सुधार होगा और जेपीसी अब कैसे आगे बढ़ेगी। खासकर तब जब जेपीएस के गठन के बाद तमाम विरोधी दल चेयरमैन पर ही मनमानी के आरोप लगा रहे हैं? इस पर जगदंबिका पाल ने कहा कि जेपीएस के गठन के बाद से बतौर चेयरमैन मेरा काम केवल सुनना है।

आज पहली बार जागरण के मंच पर इस पर खुलकर बात रख रहा हूं। मैं पूरी जिम्मेदारी से कह रहा हूं कि किसी को भी वक्फ की संपत्ति से बेदखल नहीं किया जाएगा। चाहे उनके बुजुर्गों ने डीड की हो या नहीं। जिनका पंजीकरण अब तक पोर्टल पर नहीं हुआ है, उनको भी बिल पास होने के छह माह बाद तक मौका दिया जाएगा।

चौथा सत्र- वक्फ पर विवाद क्यों... पर सवाल पूछतीं सबीहा अहमद । जागरण

आपसी सहमति से ही कानून बनाएगी सरकार

जिन संपत्तियों में किसी तरह के धार्मिक कार्य हो रहे हैं, उनको भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह शायद पहली और आखिरी बार होगा कि किसी मामले में जेपीसी सभी हितधारकों से बात कर सहमति के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर रही है।

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