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Karnataka Bribe Case: MLA मदल विरुपक्षप्पा ने KSDL बोर्ड से दिया इस्तीफा, घर से मिला नोटों का अंबार

कर्नाटक के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा ने कहा कि मेरे परिवार के खिलाफ साजिश रची जा रही है। मैं नैतिक जिम्मेदारी के तहत बोर्ड से इस्तीफा दे रहा हूं। मुझ पर लगे आरोप बेबुनियाद हैं।

By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Fri, 03 Mar 2023 01:27 PM (IST)
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मदल विरुपक्षप्पा ने कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड के बोर्ड से इस्तीफा दिया
कर्नाटक, डिजिटल डेस्क। बेंगलुरु में लोकायुक्त की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा रिश्वत के मामले में भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बेटे प्रशांत कुमार मदल की गिरफ्तारी के बाद एमएलएल मदल विरुपक्षप्पा ने कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड के बोर्ड से इस्तीफा दिया है। लोकायुक्त अधिकारियों ने प्रशांत मदल को 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।

पांच लोग गिरफ्तार

कर्नाटक लोकायुक्त बीएस पाटिल ने कहा कि जब लोकायुक्त पुलिस ने उनके कार्यालय पर छापा मारा तो उन्होंने 2.2 करोड़ रुपये बरामद किए। इसके बाद जब उन्होंने निवास पर छापा मारा तो 6.10 करोड़ रुपये बरामद किए। इस मामले में पांच लोग को गिरफ्तार किया गया है। प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। इस मामले में किसकी भूमिका क्या है, इसका खुलासा जल्द किया जाएगा।

प्रशांत के कार्यालय से 1.7 करोड़ रुपये बरामद

कर्नाटक के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में भाजपा विधायक मदल विरुपक्षप्पा ने कहा कि मेरे परिवार के खिलाफ साजिश रची जा रही है। मैं नैतिक जिम्मेदारी के तहत बोर्ड से इस्तीफा दे रहा हूं, क्योंकि मुझ पर भी आरोप लगाए जा रहे हैं। लोकायुक्त अधिकारियों को प्रशांत के कार्यालय से 1.7 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई थी।

40 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार

लोकायुक्त अधिकारियों द्वारा अपने बेटे को 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़े जाने और उसके घर से 6 करोड़ रुपये नकद बरामद किए जाने के बाद मदल विरुपाक्षप्पा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दावणगेरे जिले के चन्नागिरी से विधायक विरुपक्षप्पा राज्य के स्वामित्व वाली कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड के अध्यक्ष हैं। उनके बेटे प्रशांत मदल बैंगलोर जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) में मुख्य लेखाकार हैं।

भाजपा ने किया लोकायुक्त को पुनर्जीवित

इस मामले पर मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि जाल इस बात का सबूत है कि पिछली कांग्रेस सरकार के विपरीत भ्रष्टाचार को रोकने के लिए लोकायुक्त को पुनर्जीवित किया गया है। जिसने अपने गलत कामों को कवर करने के लिए लोकायुक्त संस्थान के अलावा एक अलग भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो बनाया था। बोम्मई ने कहा कि अतीत में एक मजबूत लोकायुक्त की कमी के कारण, कांग्रेस शासन के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामलों की जांच नहीं हो सकी।

लोकायुक्त निष्पक्ष जांच करेगी

बोम्मई ने कहा कि हम बार-बार कह रहे हैं कि हम निष्पक्ष जांच करेंगे। इस मामले में भी हमारा रुख यह है कि स्वतंत्र लोकायुक्त निष्पक्ष जांच करेगी और जिसने भी गलत किया है उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। हमारे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। वहां से मिली सारी जानकारी और पैसा सब कुछ अब लोकायुक्त के पास है। एक स्वतंत्र और न्यायसंगत जांच होनी चाहिए। हमारा उद्देश्य यह है कि सच्चाई सामने आनी चाहिए कि यह पैसा किसका था और इसका उद्देश्य क्या था।

विरुपक्षप्पा के आवास और कार्यालयों की तलाशी

गुरुवार को प्रशांत मदल को केएसडीएल कार्यालय में 40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। उसे नजरबंद कर दिया गया है। इसके बाद कर्नाटक सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी निगरानी ने विरुपक्षप्पा के आवास और कार्यालयों की तलाशी ली गई। लोकायुक्त के एक अधिकारी ने कहा कि हमें संदेह है कि प्रशांत अपने पिता की ओर से रिश्वत ले रहे थे। हम उनके कार्यालय में मिले धन के स्रोत की जांच कर रहे हैं।

विरुपक्षप्पा का आरोपों से इनकार

अपने इस्तीफे के पत्र में मदल विरुपक्षप्पा ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया। उन्होंने कहा कि मेरा लोकायुक्त छापे से कोई संबंध नहीं है। यह मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ साजिश है। जबकि लोकायुक्त अधिकारियों के मुताबिक, गुरुवार सुबह एक व्यक्ति ने प्रशांत के खिलाफ रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। उसके बाद लोकायुक्त अधिकारियों ने प्रशांत को 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।

विपक्ष का तीखा हमला

मामला सामने आने के बाद विपक्षी कांग्रेस ने बीजेपी को 'भ्रष्ट जनता पार्टी' बताते हुए उस पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि #40PercentSarkara के भ्रष्टाचार की बदसूरत बदबू ने मैसूर संदल साबुन की खूबसूरत खुशबू को भी गंदा कर दिया है।