Karnataka: MUDA घोटाले मामले में सीएम सिद्दरमैया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, ED ने दर्ज किया मनी लॉन्ड्रिंग का केस
Karnataka MUDA Scam Case मुडा घोटाले मामले में कर्नाटक के सीएम सिद्दरमैया फंसते नजर आ रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामला दर्ज किया है। ईडी ने इसमें सिद्दरमैया के साथ कुछ और लोगों को आरोपी बनाया है। इससे पहले लोकायुक्त पुलिस ने सिद्दरमैया उनकी पत्नी एम पार्वती और उनके साले के खिलाफ इसी केस में एफआईआर दर्ज की थी।
पीटीआई, नई दिल्ली। ईडी ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) से जुड़े भू-आवंटन घोटाले में मनी लाॉड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया। राज्य लोकायुक्त पुलिस की एफआईआर का संज्ञान लेते हुए ईडी ने यह कार्रवाई की है।
प्रक्रिया के अनुसार, जांच एजेंसी को पूछताछ के लिए आरोपितों को बुलाने और जांच के दौरान उनकी संपत्ति जब्त करने का अधिकार है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने मुख्यमंत्री और अन्य लोगों के खिलाफ इंफोर्समेंट केस इंफोर्मेशन रिपोर्ट (ईसीआइआर) दायर की है।
लोकायुक्त पुलिस ने दर्ज की थी एफआईआर
भू-आवंटन में गड़बड़ी मामले में मैसुरु में लोकायुक्त पुलिस द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई एफआईआर में सिद्दरमैया, उनकी पत्नी बीएम पार्वती, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू (जिनसे स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) तथा अन्य को नामजद किया गया है।पिछले सप्ताह बेंगलुरू की एक विशेष अदालत ने मामले में सिद्दरमैया के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस जांच का आदेश दिया था, जिसके बाद लोकायुक्त द्वारा यह एफआईआर दर्ज की गई। विशेष अदालत का आदेश कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा इस मामले में सिद्दरमैया के खिलाफ जांच कराने की राज्यपाल थावरचंद गहलोत की मंजूरी को बरकरार रखने के एक दिन बाद आया था।
क्या है आरोप?
आरटीआई कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा व अन्य ने इस मामले में शिकायत दी थी। आरोप है कि सिद्दरमैया की पत्नी बीएम पार्वती को मैसुरु के एक पॉश इलाके में मुआवजे के रूप में जो 14 भूखंड आवंटित किए गए थे, उनकी कीमत मुडा द्वारा अधिग्रहीत की गई जमीन की तुलना में काफी अधिक थी। मुडा ने पार्वती की 3.16 एकड़ जमीन के बदले में उन्हें 50:50 के अनुपात से भूखंड आवंटित किए थे।आरोप है कि मैसुरु के कसाबा होबली के कसारे गांव में स्थित उस 3.16 एकड़ जमीन पर भी पार्वती का कोई कानूनी हक नहीं था, जिसकी एवज में प्लॉट आवंटित हुए। उधर, सिद्दरमैया का कहना है कि वह कानूनी जंग लड़ेंगे और बेदाग निकलेंगे।