मुख्यमंत्री पिनरई ने केरल को 'अत्यधिक गरीबी से मुक्त' किया घोषित, विपक्ष ने दावे को बताया शर्मनाक
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने विधानसभा में राज्य को 'अत्यधिक गरीबी' से मुक्त घोषित किया। यह घोषणा राज्य के स्थापना दिवस पर हुई, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष ने इसे धोखा बताते हुए सत्र का बहिष्कार किया। विपक्ष ने इस दावे को शर्मनाक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल एक नया मॉडल पेश कर रहा है जिसका अन्य राज्य अनुकरण कर सकते हैं।

यूडीएफ विपक्ष ने इस दावे को धोखा करार देते हुए सत्र का बहिष्कार किया (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने शनिवार को विधानसभा में घोषणा की कि राज्य अत्यधिक गरीबी से मुक्त हो गया है। यह घोषणा केरल के स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष सत्र में की गई। कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ विपक्ष ने इस दावे को धोखा करार देते हुए सत्र का बहिष्कार किया।
विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने कहा कि मुख्यमंत्री का बयान नियम 300 के तहत साफ तौर पर धोखा और सदन के नियमों का अपमान है। सतीशन ने कहा- ''हम इसमें शामिल नहीं हो सकते और हम विधानसभा सत्र का पूरी तरह से बहिष्कार कर रहे हैं।'' विपक्ष ने सदन से बाहर निकलते हुए नारे लगाए कि यह दावा शर्मनाक है।
'अन्य राज्य इसका अनुकरण कर सकते हैं'
मुख्यमंत्री ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यूडीएफ अपने ही व्यवहार का उल्लेख कर रहा है। हम केवल वही कहते हैं जो हम लागू कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य से अत्यधिक गरीबी के उन्मूलन के साथ केरल एक नया माडल पेश कर रहा है और अन्य राज्य इसका अनुकरण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह परियोजना सार्वजनिक भागीदारी और विभिन्न सरकारी विभागों और स्थानीय निकायों के समन्वित प्रयासों के कारण सफलतापूर्वक पूरी हुई।
विजयन ने आगे कहा कि लगभग 62 लाख परिवारों को कल्याण पेंशन, लगभग 4.70 लाख बेघर परिवारों को आवास, लगभग 6,000 सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना, 43 लाख परिवारों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा और चार लाख परिवारों को भूमि प्रदान करने जैसे उपायों ने केरल में अत्यधिक गरीबी को दूर किया।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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