चीतों को प्राकृतिक वातावरण में देखना है चले आइए श्योपुर के कूनो, ऐसे बनाए यात्रा को रोमांचक
मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में चीतों को देखने के लिए कूनो फारेस्ट रिट्रीट का आयोजन किया जा रहा है। यहाँ पर्यटक जंगल सफारी के माध्यम से चीतों को उनके प्राकृतिक वातावरण में देख सकते हैं। टेंट सिटी में आरामदायक आवास और सांस्कृतिक कार्यक्रम उपलब्ध हैं। पर्यटक आसपास के टाइगर रिजर्व और अभयारण्यों का भी भ्रमण कर सकते हैं।

कूनो में चीतों का दीदार मध्य प्रदेश में रोमांचक यात्रा (फोटो सोर्स- जेएनएन)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जाड़े की गुनगुनी धूप और शीतल हवाओं के बीच सात दशक पहले विलुप्त हो चुके चीतों का दीदार करना है तो मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क चले आइए। इस बार चीतों को उनके प्राकृतिक वातावरण में दिखाने का जिम्मा उठाया है कूनो प्रबंधन और टूरिस्ट बोर्ड मध्य प्रदेश ने एक निजी इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के माध्यम से।
तीनों संस्थानों ने 14 नवंबर से यहां दूसरा कूनो फारेस्ट रिट्रीट का आयोजन आरंभ किया है। इस आयोजन में चीतों को दिखाने के लिए खास जंगल सफारी पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किया है। पहला आयोजन 2023 में हुआ था तब अधिकांश चीते बड़े बाड़ों में थे। वर्तमान में कुल 24 चीतों में से 16 चीते और शावक खुले जंगल में विचरण कर रहे हैं और आठ चीते बड़े बाड़े में हैं। यही वजह है कि चीतों का दीदार करने का यही सही मौका है।
पर्यटकों के लिए इस रिट्रीट में टेंट सिटी सबसे खास आकर्षण हैं। अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित इस टेंट सिटी में कुल 25 टेंट हाउस बनाए गए हैं। प्रत्येक में आरामदायक लिविंग एरिया, बाश रूम, शानदार इंटीरियर और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ रात में बोन फायर का भी इंतजाम किया गया है।
पर्यटक इन सुविधाओं के साथ ही दिन में जंगल सफारी का आनंद उठा सकते हैं। इसके लिए 10 गाड़ियों का इंतजाम किया गया है। प्रबंधन के अनुसार आयोजन को लेकर खूब आनलाइन पूछताछ आ रही है। संख्या बढ़ते ही और वाहनों का इंतजाम किया जाएगा।

कूनो के साथ टाइगर रिजर्व और रणथंबौर का रोमांच
कूनो आने वाले पर्यटक शिवपुरी स्थित देश के नौंवे टाइगर रिजर्व में बाघों को भी देख सकते हैं। यह कूनो महज 100 किमी की दूपर स्थित है। शिवपुरी में सिंधिया राजघराने की छत्रियां, मड़ीखेड़ा बांध और नरवर का किला भी देख सकते हैं। कूनो से ही 160 किमी की दूरी पर राजस्थान का रणथंबौर नेशनल पार्क है।

बाघों के लिए यह प्रसिद्ध स्थान रोमांच से भरा है। श्योपुर से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मानपुर में राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य है। जलीय जीवों के साथ राजस्थान के पर्यटन विभाग द्वारा यहां वाटर स्पोर्ट्स की गतिविधियां संचालित की जाती हैं।

मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के उप निदेशक युवराज पडोले ने कहा, "कूनो फारेस्ट रिट्रीट के लिए देश-विदेश के खूब आनलाइन इंक्वायरी आ रही हैं। पर्यटकों को चीतों का दीदार कराने पर फोकस हैं। लग्जीरियस टेंट सिटी के साथ-साथ अन्य सांस्कृतिक और साहसिक गतिविधियां पर्यटकों को रोमांचित कर देंगी। चीतों करीब से देखना पर्यटकों का बेहतर अनुभव होगा।"

कैसे पहुंचे?
कूनो तक पहुंचने के लिए दो मार्ग हैं। पहला ग्वालियर तक फ्लाइट या ट्रेन से आ सकते हैं। यहां से टैक्सी, बस आदि से श्योपुर की दूरी 150 किमी है। दूसरा राजस्थान के सवाई माधौपुर से सड़क मार्ग से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां से कूनो की दूरी महज 60 किमी है।
खानपान
मध्यप्रदेश का यह जिला आदिवासी बहुल और राजस्थान से जुड़ा है। इसलिए यहां खानपान पर इसका असर साफ दिखाई देता है। दाल-बाटी चूरमा, गट्टे की सब्जी, केर-सांगरी का अचार, घी-बूरा खास आकर्षण रहने वाला है।
रिट्रीट के आकर्षण
जंगल सफारी- कूनो में जंगल सफारी पर्यटकों के लिए शुरू की जा चुकी है। जंगल सफारी के रूट पर पर्यटकों को चीतों का दीदार कराने 10 जीप चल रहीं हैं, इनकी संख्या भी बढ़ाई जा रही है।
चीता इंटरप्रिटेशन सेंटर- पर्यटकों के लिए रि-ट्रीट में चीता इंटरप्रिटेशन सेंटर तैयार किया गया है जिसमें चीतों के इतिहास से लेकर दोबारा भारत में बसने की पूरी कहानी को चित्रों के साथ भी बताई जाएगी।
एडवेंचर- पर्यटकों के लिए साहसिक गतिविधियां भी मौजूद रहेंगी। इनमें विलेज वाक, सांस्कृतिक कार्यक्रम, बर्ड वाचिंग, नाइट वाक को शामिल किया गया है।
फैक्ट फाइल
- 24 चीते हैं कूनो में इनमें 14 खुले जंगल में
- 25 टेंट हाउस बनाए गए हैं टेंट सिटी में
- 10 जीपों से कराई जा रही है जंगल सफारी
- 7000 रुपये है दो दिन का पैकेज

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