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ओवैसी का केंद्र पर हमला: देश में मुसलमान सबसे गरीब, मुस्लिम महिलाएं सबसे ज्यादा वंचित; सरकार मानती है अछूत

Asaduddin Owaisi असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा में सोमवार को देश के मुसलमानों की दशा का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सरकार देश के 17 करोड़ मुसलमानों की अनदेखी कर रही है। उनके साथ अछूत जैसा व्यवहार किया जा रहा है। ओवैसी ने सवाल किया कि आप (सरकार) 17 करोड़ मुसलमानों के लिए नफरत पालते हैं तो विकसित भारत कैसे बना पाएंगे?

By Jagran News Edited By: Ajay Kumar Updated: Mon, 29 Jul 2024 05:59 PM (IST)
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हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी। (फोटो- एएनआई)
पीटीआई, नई दिल्ली। हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा में सरकार पर मुसलमानों के साथ अछूत जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण में मुसलमानों की अनदेखी की गई। ओवैसी ने समानता के प्रति सरकार के दृष्टिकोण की आलोचना भी की।

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देश में मुसलमान सबसे गरीब: ओवैसी

ओवैसी ने कहा, "बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने चार समुदायों का जिक्र किया, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि क्या इस देश के 17 करोड़ मुसलमानों में कोई गरीब, युवा, किसान या महिला नहीं है।" उन्होंने कहा कि इस प्यारे देश में मुसलमान सबसे गरीब हैं और मुस्लिम महिलाएं सबसे ज्यादा वंचित हैं।

उच्च शिक्षा में सिर्फ पांच फीसदी मुस्लिम

ओवैसी ने आंकड़े के आधार पर कहा कि 15 से 24 वर्ष की आयु के केवल 29 प्रतिशत मुसलमानों की शिक्षा तक पहुंच है। अनुसूचित जातियों में 44 प्रतिशत, हिंदू ओबीसी में 51 प्रतिशत और हिंदू उच्च जातियों में 59 प्रतिशत लोगों की शिक्षा तक पहुंच है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में मुस्लिम नामांकन केवल पांच प्रतिशत है। ओवैसी ने आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण के आंकड़ों का हवाला दिया।

58.4 प्रतिशत मुसलमान स्वरोजगार में लगे

ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के 58.4 प्रतिशत लोग स्वरोजगार में लगे हैं। नियमित वेतन रोजगार में इस समुदाय का प्रतिनिधित्व सबसे कम 15 प्रतिशत है। वहीं अस्थायी श्रम में सबसे अधिक 26 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। ओवैसी ने कहा, "मुस्लिम युवाओं को न तो नौकरी मिल रही है और न ही शिक्षा के अवसर।

सरकार मुसलमानों को अछूत मानती

ओवैसी का आरोप है कि सरकार मुसलमानों को अछूत मानती है। उन्हें राजनीतिक प्रतिनिधित्व और देश की प्रगति में हिस्सेदारी से वंचित कर रही है। उन्होंने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के बजट को 5,000 करोड़ रुपये से घटाकर 3,000 करोड़ रुपये करने पर सरकार की आलोचना की।

कैसे बनाएंगे विकसित भारत?

ओवैसी ने कहा कि अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में 2007-08 के बाद से कोई वृद्धि नहीं हुई है। आप (सरकार) खड़े होकर हमें खोखले वादे देते हैं। अगर आप 17 करोड़ मुसलमानों के लिए नफरत पालते हैं तो आप विकसित भारत कैसे बना पाएंगे?" उन्होंने दावा किया कि हज समिति भ्रष्टाचार का केंद्र बन गई है। ओवैसी ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की।

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