नई दिल्ली, जागरण प्राइम। दिल के रोगों के मामले में बीते कुछ सालों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। वैज्ञानिकों और चिकित्सकों के लिए हृदय रोगों के मामले फिलहाल अबूझ पहेली की तरह है। हालिया एक रिपोर्ट में सामने आया है कि प्रदूषण की वजह से दिल के मामले बढ़े हैं। वहीं यह प्रमाणित तथ्य है कि सांस के मामलों में प्रदूषण की वजह से लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ल्ड हेल्थ फेडरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले एक दशक में वायु प्रदूषण के चलते दिल की बीमारियों से होने वाली मौतों में लगभग 27 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। रिपोर्ट इंगित करती है कि हवा में प्रदूषण छोटे प्रदूषक अदृश्य कण हृदय की लय, रक्त के थक्के जमने, धमनियों में प्लाक बनने और रक्तचाप को प्रभावित कर रहे हैं। भारत में आईसीएमआर सहित कई संस्थानों ने भी बढ़ती दिल की बीमारियों के लिए वायु प्रदूषण को एक बड़ा कारण माना है। आईसीएमआर की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 में भारत में हर आठ मौतों में से एक मौत वायु प्रदूषण के कारण हुई।

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