आंध्र प्रदेश में नई मिसाइल स्टेटिंग रेंज की होगी स्थापना, क्यों अहम है ये प्रोजेक्ट? DRDO बना रहा बड़ा प्लान
डीआरडीओ नई पीढ़ी की मिसाइलों की टेस्टिंग की तैयारी में है। इस बीच केंद्र सरकार ने पूर्वी तट पर आंध्र प्रदेश के नागायालंका में नई मिसाइल टेस्टिंग रेंज की स्थापना को मंजूरी दे दी है। यहां सतह से हवा में मारने वाली एंटी टैंक मिसाइल और सामरिक मिसाइलों का टेस्ट किया जाएगा। बदली भू-राजनीतिक पारिस्थितियों के बीच भारत अपनी सामरिक ताकत को बढ़ा रहा है।
एएनआई, नई दिल्ली। भारतीय रक्षा क्षेत्र के अनुसंधानकर्ता बड़े पैमाने पर टेक्टिकल मिसाइल प्रणालियों को विकसित कर रहे हैं। ऐसे में सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) ने आंध्र प्रदेश में एक नई मिसाइल टेस्टिंग रेंज को विकसित करने को मंजूरी दी है। इसके चलते आंध्र प्रदेश के नागायालंका क्षेत्र में नई मिसाइल टेस्टिंग रेंज की स्थापना होगी।
2018 में ही मिल चुकी मंजूरी
सरकार के सूत्रों ने रविवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सीसीएस ने पिछले हफ्ते ही यह फैसला लिया है। आंध्र प्रदेश में नागायालंका क्षेत्र में राज्य सरकार और वित्त मंत्रालय के सहयोग से इससे जुड़ी अन्य प्रक्रियाओं को 28 जून, 2018 को ही मंजूरी दे दी गई थी।
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इन मिसाइलों को होगा परीक्षण
नई मिसाइल परीक्षण रेंज में सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल, एंटी टैंक मिसाइल और डीआरडीओ के सामरिक मिसाइल सिस्टम का परीक्षण किया जाएगा।अमेरिका से खरीदे जाएंगे 31 ड्रोन
इससे पहले सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने नौसेना, सेना और वायुसेना के लिए दो परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण और अमेरिका से 31 प्रीडेटर ड्रोन खरीदने की मंजूरी दी थी। इस बैठक में 80 हजार करोड़ रुपये के प्रमुख सौदों को पारित किया गया था। 31 ड्रोन में से भारतीय नौसेना को 15 और सेना व वायुसेना को 8-8 ड्रोन मिलेंगे। सेना और वायुसेना इन्हें यूपी में अपने दो स्टेशनों में तैनात करेंगी।