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    पीएम-किसान योजना: गलत लाभार्थियों से सरकार ने अब तक वसूले 400 करोड़ रुपये, इन लोगों पर कार्रवाई हुई तेज

    Updated: Wed, 03 Dec 2025 12:01 AM (IST)

    केंद्र सरकार ने पीएम-किसान योजना में गलत तरीके से लाभ लेने वाले किसानों से 416.75 करोड़ रुपये वसूले हैं। सरकार ने राज्यों को आयकरदाता और सरकारी कर्मचा ...और पढ़ें

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    गलत लाभार्थियों से सरकार ने अब तक वसूले 416.75 करोड़ रुपये (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देशभर में पीएम-किसान योजना का लाभ गलत तरीके से ले रहे किसानों से अब तक 416.75 करोड़ रुपये वापस वसूल लिए हैं। यह जानकारी कृषि राज्य मंत्री रमणाथ ठाकुर ने मंगलवार को लोकसभा में दी।

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    उन्होंने बताया कि राज्यों को उन किसानों से पैसा वापस लेने का निर्देश दिया गया है जिनकी आय अधिक है, या जो आयकरदाता, सरकारी कर्मचारी, PSUs कर्मचारी या संवैधानिक पदों पर रहे हैं। सरकार के मुताबिक, फरवरी 2019 से अब तक 21 किस्तों में 4.09 लाख करोड़ रुपये किसानों को दिए जा चुके हैं।

    पीएम-किसान योजना: कौन है पात्र?

    पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को 6000 रुपये सालाना की आर्थिक मदद दी जाती है। यह रकम तीन बराबर किस्तों में सीधे किसानों के आधार-लिंक्ड बैंक खातों में भेजी जाती है। योजना का मुख्य आधार खेती योग्य जमीन का मालिकाना हक है। हालांकि, जिन किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत है, उन्हें इस योजना से बाहर रखा गया है।

    सरकार ने देशभर में गलत या डुप्लीकेट लाभ लेने वालों की पहचान के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके तहत राज्यों द्वारा दिए गए डेटा की पूरी जांच की जाती है, और भुगतान डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के जरिए ही भेजा जाता है।

    डुप्लीकेट और गलत लाभ लेने वालों पर सख्ती

    पारदर्शिता बढ़ाने के लिए योजना को PFMS, UIDAI और आयकर विभाग से जोड़ा गया है। इसके अलावा भूमि रिकॉर्ड लिंकिंग, आधार-आधारित भुगतान और e-KYC अनिवार्य कर दिया गया है ताकि केवल असली पात्र किसानों को ही फायदा मिले।

    सरकार ने बताया कि डेटा को PDS राशन कार्ड, UIDAI रिकॉर्ड, PFMS, और इनकम टैक्स जानकारी से मिलान कर डुप्लीकेट लाभार्थियों को हटाया गया है।

    मंत्री ने यह भी बताया कि जहां एक ही परिवार के कई सदस्य योजना में शामिल थे, वहां लाभ रोक दिया गया। और जहां जमीन के मालिक की मृत्यु के बाद नई विरासत दर्ज होने पर पुराने और नए दोनों नाम शामिल थे, वहां भी लाभ बंद किया गया।