'लोग स्वच्छ हवा के लिए तरस रहे हैं', राहुल गांधी ने वायु प्रदूषण को बताया राष्ट्रीय आपातकाल; संसद में चर्चा की मांग
राहुल गांधी ने वायु प्रदूषण को राष्ट्रीय आपातकाल बताते हुए साथी सांसदों से मांग की है कि वे इस मुद्दे पर एक साथ आएं और संसद के अगले सत्र में इससे निपटने के मुद्दे पर चर्चा करें। राहुल ने पर्यावरणविद विमलेंदु झा के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए एक वीडियो साझा किया है जिसमें उन्होंने इसके कारणों को बारीकी से समझने की कोशिश की है।
पीटीआई, नई दिल्ली। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उत्तर भारत में वायु प्रदूषण को राष्ट्रीय आपातकाल बताया है। साथ ही उन्होंने साथी सांसदों से अपील की है कि वे आगामी संसद सत्र में इस मुद्दे पर एक साथ आएं और चर्चा करें कि राष्ट्र इस संकट को हमेशा के लिए कैसे समाप्त कर सकता है।
उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण संकट के लिए राजनीतिक दोषारोपण की नहीं, बल्कि सामूहिक राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। गांधी ने एक्स पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें वे इंडिया गेट पर पर्यावरणविद विमलेंदु झा के साथ वायु प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं। वीडियो के साथ अपने पोस्ट में कांग्रेस नेता ने कहा कि उत्तर भारत में वायु प्रदूषण एक राष्ट्रीय आपातकाल है। एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट, जो हमारे बच्चों का भविष्य छीन रहा है और बुजुर्गों का दम घोंट रहा है। साथ ही एक पर्यावरणीय और आर्थिक आपदा है, जो अनगिनत जीवन बर्बाद कर रही है।
गरीब लोग सबसे ज्यादा पीड़ित: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, 'हमारे बीच सबसे गरीब लोग सबसे ज्यादा पीड़ित हैं, जो अपने आसपास की जहरीली हवा से बच नहीं पाते। परिवार स्वच्छ हवा के लिए तरस रहे हैं, बच्चे बीमार पड़ रहे हैं और लाखों लोगों की जान जा रही है। पर्यटन घट रहा है और हमारी वैश्विक प्रतिष्ठा खत्म हो रही है।'उन्होंने कहा, 'प्रदूषण का बादल सैकड़ों किलोमीटर तक फैला हुआ है। इसे साफ करने के लिए सरकारों, कंपनियों, विशेषज्ञों और नागरिकों की ओर से बड़े बदलाव और निर्णायक कार्रवाई की जरूरत होगी। हमें सामूहिक राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की जरूरत है, न कि राजनीतिक दोषारोपण की।'
एक साथ चर्चा करने की अपील
उन्होंने कहा कि कुछ दिनों में संसद की बैठक होने वाली है, तब जलती आंखों और गले में खराश से सभी सांसदों को संकट की याद आ जाएगी। गांधी ने कहा, 'यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम एक साथ आएं और चर्चा करें कि भारत इस संकट को हमेशा के लिए कैसे खत्म कर सकता है।'
वीडियो में कांग्रेस नेता झा से वायु प्रदूषण संकट के कारण पूछते हैं, जो जवाब देते हुए कहते हैं कि यह एक अखिल भारतीय समस्या है और एनसीआर में इसके दो स्रोत हैं - एपिसोडिक स्रोत और बारहमासी स्रोत। झा ने इस बात पर जोर दिया कि पराली जलाना एक मुद्दा है, लेकिन केवल तीन सप्ताह के लिए और किसानों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है। पर्यावरणविद् ने गांधी से बातचीत में वायु प्रदूषण संकट से निपटने के लिए जीवनशैली में बदलाव लाने का आह्वान किया। बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू हो रहा है और 20 दिसंबर तक चलेगा।