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घर को मिली छूट, लेकिन इन तीन जगहों पर जारी रहेगा बुलडोजर एक्शन, SC ने बताई वजह

Supreme Court On Bulldozer Action सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को निर्देश दिया कि संपत्ति के मालिक को 15 दिन पहले कारण बताओ नोटिस दिए बिना कोई भी तोड़फोड़ नहीं की जानी चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि कार्यपालिका न्यायाधीश बनकर यह निर्णय नहीं ले सकती कि आरोपी व्यक्ति दोषी है और इसलिए उसकी संपत्ति को ध्वस्त करके उसे दंडित किया जाए।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Updated: Wed, 13 Nov 2024 07:25 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट का बुलडोजर पर नया आदेश। (File Photo)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। किसी अपराध के आरोपितों के घर और ठिकाने आनन-फानन में बुलडोजर से गिरा देने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसके आदेश का अर्थ यह नहीं है कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण करने वालों को एक प्रकार कानूनी संरक्षण मिल गया है।

बुलडोजर न्याय पर 95 पृष्ठ के अपने अपने अहम फैसले में कहा है कि हम यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि उसने इस प्रकार की कार्रवाई को लेकर जो भी दिशा-निर्देश दिए हैं, वे किसी सार्वजनिक स्थान पर किए गए अनधिकृत निर्माण पर लागू नहीं होंगे।

यहां होगी विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी?

सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार सड़क, गली, फुटपाथ, रेलवे लाइन या किसी नदी के आसपास किए जाने वाले अतिक्रमण और अवैध निर्माण के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही अदालत ने यह भी साफ तौर पर कहा है कि जिन मामलों में किसी अदालत की ओर निर्माण गिराने का आदेश दिया जा चुका है, उनमें भी इस फैसले का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

पहले सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?

इसके पहले अपने अंतरिम आदेश में भी सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि अवैध निर्माण और अतिक्रमण के मामले अलग हैं और उन्हें किसी अपराध के आरोपितों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

बुलडोजर पर सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश क्या है?

बुधवार को न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि ध्वस्तीकरण की कार्रवाई से 15 दिन पहले संपत्ति के मालिक को कारण बताओ नोटिस देना होगा। कार्यपालिका न्यायाधीश बनकर यह निर्णय नहीं ले सकती कि आरोपी व्यक्ति दोषी है और उसे दंडित किया जाए। कार्यपालिका का ऐसा कृत्य उसकी सीमाओं का उल्लंघन होगा।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर क्या बोले अखिलेश?

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनधिकृत ढांचों को ध्वस्त करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर दिशा-निर्देश जारी करने के फैसले के बाद विपक्षी दलों ने भाजपा पर हमला बोल दिया है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने फैसला सुनाने के लिए शीर्ष अदालत को धन्यवाद दिया और कहा अब बुलडोजर बंद होना चाहिए। असंवैधानिक गतिविधियां बंद होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर क्या बोली कांग्रेस?

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना की, लेकिन चिंता जताई कि जिन परेशान करने वाले पहलुओं की वजह से सुप्रीम कोर्ट को यह कठोर फैसला सुनाना पड़ा, उन पर निचली अदालतों में ध्यान नहीं दिया गया। सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है, लेकिन यह देर से आया है। हर कोई जानता था कि बुलडोजर चलाना गैरकानूनी है, लेकिन हाई कोर्ट और निचली अदालत ने इस पर ध्यान नहीं दिया।