'चुनाव और शादी पर भी पटाखों पर लगे बैन', सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर उठाए कई सवाल
प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपना रखा है। सोमवार को अदालत ने दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया। अदालत ने कहा कि पटाखों पर बैन को दीवाली से ही क्यों जोड़ा जाता है? शीर्ष अदालत ने कहा कि शादियों और चुनाव में पटाखे के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगना चाहिए। दिल्ली के साथ अन्य राज्यों से अदालत ने रिपोर्ट मांगी है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध पूर्ण रूप से लागू नहीं करने के लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को सोमवार को आड़े हाथों लिया। कहा कि सब दिखावा है। पटाखों पर प्रतिबंध को दीवाली से जोड़े जाने पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने कहा कि इसे दीवाली से क्यों जोड़ते हैं? कोई भी धर्म प्रदूषण को बढ़ावा नहीं देता। यह लोगों के स्वास्थ्य का मामला है।
प्रदूषण मुक्त जीवन नागरिकों का मौलिक अधिकार है। शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पटाखों पर प्रभावी ढंग से प्रतिबंध लागू करने का निर्देश देते हुए इस बाबत तत्काल स्पेशल सेल गठित करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पटाखों पर पूरे साल प्रतिबंध लगाने पर विचार करने को कहा और 25 नवंबर तक फैसला करके कोर्ट को बताने को कहा।
चुनाव और शादी पर पटाखों पर लगे बैन
शीर्ष अदालत ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि पटाखों पर प्रतिबंध सिर्फ दिवाली ही नहीं, बल्कि सभी मौकों जैसे चुनाव और शादियों में भी लगना चाहिए। इसके साथ ही कोर्ट ने एनसीआर के अन्य राज्यों से भी पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और पटाखे चलाने पर रोक लगाने के बारे में जवाब देने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अभय एस ओका और अगस्टिन जार्ज की पीठ ने सोमवार को दिल्ली में वायु प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई के दौरान दिया।सोमवार को कोर्ट ने पिछले आदेश के मुताबिक दिल्ली सरकार से दीवाली पर पटाखों पर प्रतिबंध के बारे में जारी आदेश और किए गए उपायों पर पूछा। दिल्ली सरकार ने हलफनामे का जिक्र करते हुए कोर्ट को बताया कि 14 अक्टूबर को सरकार ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध का आदेश जारी किया था। कोर्ट ने पूछा कि प्रतिबंध लागू करने की जिम्मेदारी किसकी थी? इस पर दिल्ली सरकार ने कहा कि दिल्ली पुलिस प्रतिबंध लागू करती है।
दिल्ली पुलिस पर जताई नाराजगी
कोर्ट ने पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध ठीक से लागू नहीं किए जाने के लिए दिल्ली पुलिस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि सब आंखों में धूल झोंकने जैसा है। पटाखों के निर्माण, बिक्री, भंडारण, चलाने सब पर प्रतिबंध था। क्या इसे पूरी तरह लागू किया गया? आपने जो कुछ जब्त किया है वह पटाखों का कच्चा माल हो सकता है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को निर्देश दिया कि वह पटाखों की ऑनलाइन बिक्री भी बंद करें।दीवाली के दौरान पराली जलने के मामले बढ़ने पर उठाया सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने दीवाली के दौरान पराली जलने के मामले बढ़ने पर भी सवाल उठाया। पराली जलाने के आदेश का उल्लंघन करने वाले किसानों पर कार्रवाई नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं किए जाने पर पंजाब सरकार को फटकार लगाई। कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के बजाय कारण बताओ नोटिस जारी किए जा रहे हैं। कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा से की गई कार्रवाई पर हलफनामा मांगा है।