'संविधान के तीनों स्तंभ एक-दूसरे के प्रति दिखाएं सम्मान,' BRS नेता के कविता की जमानत पर रेवंत रेड्डी के बयान के बाद बोला SC
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि संविधान के तीनों अंगों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे एक-दूसरे के कामकाज के प्रति परस्पर सम्मान दिखाएं क्योंकि अनुचित टिप्पणियां अनावश्यक रूप से टकराव पैदा करती हैं। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि निर्णयों की निष्पक्ष आलोचना का हमेशा स्वागत है लेकिन किसी को सीमाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
पीटीआई, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि संविधान के तीनों अंगों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे एक-दूसरे के कामकाज के प्रति परस्पर सम्मान दिखाएं, क्योंकि अनुचित टिप्पणियां अनावश्यक रूप से टकराव पैदा करती हैं। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि निर्णयों की निष्पक्ष आलोचना का हमेशा स्वागत है, लेकिन किसी को सीमाओं का उल्लंघन नहीं करना चाहिए।
न्यायालयों की तरफ से पारित आदेशों के बारे में टिप्पणी करते समय पर्याप्त सावधानी बरतनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी से जुड़े मामले पर की।
के कविता के जमानत पर दिया था बयान
रेड्डी ने दिल्ली आबकारी घोटाले से जुड़े मामले में भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता को शीर्ष अदालत द्वारा जमानत दिए जाने पर बयान दिया था। पीठ ने इस बात पर गौर किया कि रेड्डी ने अदालत के समक्ष माफी मांगी है और कहा कि वह इस मुद्दे पर आगे नहीं बढ़ाना चाहती।