अब नदिया में सड़क किनारे मिले भारी संख्या में वोटर आईडी कार्ड
पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में सड़क किनारे बड़ी संख्या में वोटर आईडी कार्ड मिलने से सनसनी फैल गई है। नवद्वीप पुलिस ने कार्ड जब्त कर जांच शुरू कर दी है ...और पढ़ें
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राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाताः अब बांग्लादेश की सीमा से सटे नदिया जिले के नवद्वीप में मंगलवार को अस्पताल रोड के पास एक परित्यक्त स्थान से बड़ी संख्या में मतदाता पहचान पत्र यानी वोटर आइ कार्ड बरामद हुए। स्थानीय लोगों ने इन्हें कचरे की तरह बिखरा हुआ देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। यह घटना ऐसे समय सामने आई है, जब राज्य में एसआइआर अभियान चल रहा है।
सूचना मिलते ही नवद्वीप पुलिस मौके पर पहुंची, सभी कार्ड जब्त किए और मामले की जांच शुरू कर दी। बरामद कार्डों में कुछ बिल्कुल नए दिखाई देते हैं, जबकि कुछ पुराने हैं। शुरुआती जांच में यह भी पता चला कि कई कार्ड ऐसे नामों के थे, जिनके धारकों का दावा है कि उनके मूल कार्ड अभी भी उनके घरों में सुरक्षित हैं। घटना के बाद स्थानीय लोगों में चिंता बढ़ गई है और कई निवासी अपने वोटर आइडी दोबारा चेक कर रहे हैं। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ये कार्ड किसने और किस उद्देश्य से वहां फेंके, लेकिन घटना ने राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है।
सत्तारूढ़ और विपक्षी दल इस घटना को लेकर एक-दूसरे पर निशाना साधने लगे हैं, जिससे मामला एक स्थानीय घटना से बढ़कर व्यापक राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है। पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कार्ड किन लोगों का है? बताते चलें कि इससे पहले पूर्वी बर्द्धमान जिले में तालाब में फेंके हुए सैकड़ो आधार कार्ड मिले थे। इसके बाद उत्तर बंगाल में वोटर आइ कार्ड फेंके हुए मिले थे।
शीर्ष अदालत ने कहा कि कैम्ब्रिज शब्दकोश में 'पैरिटी' शब्द को 'समानता' के तौर पर, खासकर वेतन या पद की बराबरी' के तौर पर परिभाषित किया गया है। शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश के एक गांव में हत्या के एक मामले में यह आदेश दिया, जो गांव वालों के बीच कहासुनी के कारण हुई थी। इस मामले में लोगों को भड़काने वाले एक आरोपित को जमानत दे दी गई और दूसरे सह-आरोपित को समानता के आधार पर यही राहत दे दी गई।

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