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ओडिशा के 4 जिलों में बाढ़ से तबाही, 40 हजार लोग प्रभावित; 11 हजार से अधिक को किया गया शिफ्ट

ओडिशा के चार जिलों में बाढ़ से तबाही मच गई है। 40 हजारों लोगों के प्रभावित होने की सूचना है। वहीं 11 हजार से अधिक लोगों किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया गया है। सीएम मोहन चरण मांझी ने भी बाढ़ को लेकर हवाई सर्वे की। सर्वेक्षण के बाद उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ से प्रभावित लोगों को हर तरह की जरूरी सुविधा मुहैया कराने का निर्देश दिया।

By Sheshnath Rai Edited By: Mukul Kumar Updated: Thu, 19 Sep 2024 12:47 PM (IST)
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ओडिशा में बाढ़ से तबाही का मंजर। फोटो- जागरण

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार वर्षा के बाद अब लोगों को बाढ़ की तबाही का सामना करना पड़ रहा है। हजारों एकड़ खेत जलमग्न हो गए हैं, जबिक शताधिक गांव पानी के घेरे में हैं।

11 हजार 632 लोगों ने अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थान पर शरण लिया है, जिन्हें सरकार की तरफ से खाद्य पेय मुहैया कराई जा रही है। यह स्थिति प्रदेश के चार जिले बालेश्वर, मयूरभंज, केन्दुझर और सुन्दरगड़ में बनी है।

33 प्रखंड के 264 गांव और दो नगरपालिका में बाढ़ के पानी के कारण लगभग 40 हजार लोग प्रभावि हैं। बाढ़ की संगीन स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने सबसे ज्यादा प्रभावित बालेश्वर जिले का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रभावित लोगों को तुरंत सहायता मुहैया कराने का निर्देश दिया है।

141 गांवों के 35654 लोग बाढ़ से प्रभावित

राज्य विशेष राहत आयुक्त के कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, बालेश्वर जिले के भोगराई, बस्ता, जलेश्वर, बालेश्वर सदर और रेमुणा प्रखंड के 141 गांवों के 35654 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

11,632 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और 51 स्थानों पर मुफ्त पका हुआ भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। जिले में कुल 12,627 पशु प्रभावित हुए हैं। 102 घरों को आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है।

जिले के बाढ़ पीड़ितों को 17.3 क्विंटल चूड़ा, 3.15 क्विंटल गुड़ और 99 पॉलीथिन बैग वितरित किए गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में दो मेडिकल टीम और दो पशु चिकित्सा दल भी तैनात किए गए हैं।

इसी तरह मयूरभंज जिले में बाढ़ का पानी घुसने से 22 प्रखंडों के 101 गांव प्रभावित हुए हैं। बारीपदा नगरपालिका के 11 वार्डों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। जिले में 2,035 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं जबकि 1,603 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

स्थापित किए गए चार भोजन केंद्र

इसके अलावा, चार भोजन केंद्र स्थापित किए गए हैं और प्रभावितों को मुफ्त में भोजन प्रदान किया जा रहा है। दो जानवरों की मौत हो चुकी है। 333 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं और एक घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।

केंदुझर जिले के पांच प्रखंड पाटणा, चंपुआ, सहदपड़ा, हाटडीही और हरिचंदनपुर प्रखंड के कुल 22 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से 1160 लोग प्रभावित हुए हैं।

35 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए।वहीं सुंदरगढ़ जिले के एक ब्लॉक और राउरकेला नगर निगम में बाढ़ से कुल 153 लोग प्रभावित हुए हैं। प्रभावित लोगों को खाने के पैकेट उपलब्ध कराए गए हैं।

एसआरसी कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, बाढ़ प्रभावित इन जिलों में संभावित खतरे को देखते हुए बालेश्वर जिले में एनडीआरएफ की एक टीम, ओडीआरएएफ की सात टीम एवं 14 दमकल टीम तैनात की गई हैं।

इसी तरह मयूरभंज जिले में पांच ओडीआरएएफ,12 फायर ब्रिगेड टीम एवं भद्रक में एनडीआरएफ की एक टीम तैनात की गई है।

सीएम ने हवाई सर्वेक्षण करने के बाद की समीक्षा बैठक 

उधर, मुख्यमंत्री माझी ने बालेश्वर जिले में बाढ़ की स्थिति का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद समीक्षा बैठक की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि बालेश्वर में बाढ़ के कारण छह प्रखंड प्रभावित हुए हैं और 8,000 हेक्टेयर भूमि जलमग्न है।विशेष रूप से भोगराई, जलेश्वर और बलियापाल प्रखंड के 35 गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

पूर्णिमा के कारण समुद्र में ज्वार भाटा आ रहा है। इससे समुद्र में जल निष्कासन नहीं हो पा रहा है। माझी ने कहा कि स्थिति में जल्द ही सुधार होगा।मुख्यमंत्री माझी ने जिला कलेक्टरों को तत्काल बाढ़ प्रभावित लोगों के पास पहुंचने और राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

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