ओडिशा मेडिकल छात्रा दुष्कर्म का मामला एडीजे कोर्ट में ट्रांसफर, अब तक तीन आरोपी गिरफ्तार
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में ओडिशा की एक मेडिकल छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म के मामले को तेजी से निपटाने के लिए एडीजे कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चार्जशीट दाखिल कर दी है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लिया है और ओडिशा सरकार ने पीड़िता को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। इस घटना से लोगों में आक्रोश है।

छात्रा दुष्कर्म का मामला एडीजे कोर्ट में ट्रांसफर
संतोष कुमार पांडेय, भुवनेश्वर। पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में ओडिशा की एक मेडिकल छात्रा से कथित दुष्कर्म के सनसनीखेज मामले में अब बड़ा कदम उठाया गया है। मामले को तेजी से निपटाने के लिए इसे अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) की अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि छात्रा ओडिशा के जलेश्वर की रहने वाली है, जो दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी। कुछ दिन पहले वह अपने एक साथी के साथ बाहर डिनर के लिए गई थी, लेकिन लौटते वक्त कुछ लोगों ने उसे जबरन अपने कब्जे में ले लिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। घटना की गंभीरता को देखते हुए पूरे राज्य में हड़कंप मच गया था।
तीन आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने दाखिल की चार्जशीट
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जांच पूरी होने के बाद अब चार्जशीट भी दाखिल कर दी गई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, चार्जशीट में सभी सबूतों और मेडिकल रिपोर्ट को शामिल किया गया है ताकि अदालत में मजबूत मुकदमा पेश किया जा सके।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान
मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है और पश्चिम बंगाल सरकार से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। वहीं, ओड़िशा सरकार ने पीड़िता और उसके परिवार को हर संभव कानूनी सहायता और सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है।
न्याय की राह पर अगला कदम
अदालत द्वारा अब इस केस को एडीजे कोर्ट में स्थानांतरित करने के बाद जल्द ही सुनवाई शुरू होने की संभावना है। प्रशासन का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि मामले की सुनवाई में किसी तरह की देरी न हो और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके।
जनाक्रोश और सुरक्षा पर उठे सवाल
इस घटना के बाद न सिर्फ दुर्गापुर, बल्कि पूरे राज्य में लोगों में आक्रोश है। छात्र संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रशासन और स्थानीय पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि मेडिकल कॉलेज परिसर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कई बार शिकायत की गई थी, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
ऐसे मामले समाज को झकझोर देते हैं। ज़रूरी है कि कानून अपना काम पूरी सख्ती और तेजी से करे, ताकि पीड़िता को न्याय मिले और समाज में यह संदेश जाए कि महिलाओं के खिलाफ अपराध किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।