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'कश्मीर हमारा है...' भारत ने चीन और पाकिस्तान को याद दिलाई ये बात, विदेश मंत्रालय ने कहा- आपके बोलने से...

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 07 जून को चीन और पाकिस्तान की तरफ से जारी संयुक्त बयान में कश्मीर का जिक्र किये जाने की तरफ हमारा ध्यान गया है। हम कश्मीर को इन दोनों देशों के संयुक्त बयान में जगह देने को खारिज करते हैं। इस मुद्दे पर हमारा पक्ष काफी पुराना है।

By Jagran News Edited By: Narender Sanwariya Published: Thu, 13 Jun 2024 11:55 PM (IST)Updated: Thu, 13 Jun 2024 11:55 PM (IST)
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने चीन और पाकिस्तान के बयान पर भारत का पक्ष रखा। (File Photo)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले दिनों पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ और चीन के पीएम ली शियांग की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में कश्मीर का जिक्र किये जाने को लेकर भारत ने इन दोनों देशों को आड़े हाथ लिया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इन दोनों देशों को याद दिलाया कि जम्मू व कश्मीर और लद्दाख का पूरा इलाका भारत का अभिन्न हिस्सा है और आगे भी भारत का अभिन्न हिस्सा बना रहेगा।

शरीफ ने हाल ही में चीन की यात्रा की थी। वहीं से 07 जून को यह संयुक्त बयान जारी किया गया था। इस मुलाकात में चीन-पाकिस्तान आर्थिक कारीडोर के काम को आगे बढ़ाने को लेकर भी चर्चा की गई है। भारत ने इस पर भी अपनी आपत्ति जताई है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 07 जून को चीन और पाकिस्तान की तरफ से जारी संयुक्त बयान में कश्मीर का जिक्र किये जाने की तरफ हमारा ध्यान गया है। हम कश्मीर को इन दोनों देशों के संयुक्त बयान में जगह देने को खारिज करते हैं। इस मुद्दे पर हमारा पक्ष काफी पुराना है और इस बारे में दोनों पक्षों को कई बार बताया भी गया है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू व कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा रहा है और आगे भी बना रहेगा। किसी भी देश को इन पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है।

उक्त संयुक्त बयान में बताया गया था कि पाकिस्तान के पक्ष ने जम्मू व कश्मीर के ताजा हालात की जानकारी चीनी पक्ष को दिया है। इस पर चीन की तरफ से कहा गया कि कश्मीर का मुद्दा एतिहासिक मुद्दा है जिसका समाधान संयुक्त राष्ट्र के चार्टर, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों और द्विपक्षीय मुद्दों से सुलझाया जाना चाहिए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जायसवाल ने चीन पाकिस्तान आर्थिक कारीडोर (सीपीईसी) के बारे में कहा है कि इसका कुछ हिस्सा भारत के ऐसे संप्रभु क्षेत्र में आता है जिस पर पाकिस्तान ने गैरकानूनी तौर पर कब्जा जमा रखा है। इस हिस्से पर किसी भी दूसरे देश की किसी भी तरह की गतिविधि का भारत विरोध करता है। यह भारत की संप्रभुता व भौगोलिक अखंडता का उल्लंघन है।

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