Bihar Election Result 2025: क्यों फीका पड़ा राहुल का 'गांधी मैजिक', कौन-सा फैक्टर बना सबसे बड़ी चुनौती?
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। राहुल गांधी की 'वोट अधिकार यात्रा' भी पार्टी को सफलता नहीं दिला सकी। कांग्रेस 61 में से केवल 5 सीटों पर आगे रही, जबकि एनडीए ने शानदार प्रदर्शन किया। महागठबंधन की कमजोर एकता और संयुक्त रणनीति की कमी भी कांग्रेस की हार का कारण बनी।
-1763127251872.webp)
110 सीटों पर निकाली थी वोट अधिकार यात्रा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव नतीजे कांग्रेस के लिए बड़े झटके की तरह आए हैं। राहुल गांधी ने इस साल राज्य भर में घूम-घूमकर जनता को यह समझाने की कोशिश की थी कि BJP'वोटचोरी' कर रही है, लेकिन मतदाताओं ने इस आरोप को स्वीकार नहीं किया। अगस्त में राहुल गांधी ने वोटर अधिकार यात्रा निकाली थी, जिसे पार्टी अपने लिए बड़ा गेम-चेंजर मान रही थी।
यात्रा सासारा से शुरू होकर पटना तक गई, जिसमें 25 जिलों और 110 विधानसभा सीटों को कवर किया गया। करीब 1300 किलोमीटर की इस यात्रा के बावजूद इन इलाकों में कांग्रेस के लिए माहौल नहीं बना। नतीजों के मौजूदा रुझान बताते हैं कि कांग्रेस 61 सीटों में से सिर्फ 5 सीट (वाल्मीकि नगर, चनपटिया, अररिया, किशनगंज और मनीहारी) में ही आगे है।
फीका पड़ा 'गांधी मैजिक'
कांग्रेस को भरोसा था कि राहुल गांधी की पिछली यात्राओं की तरह बिहार में भी इस यात्रा का असर दिखेगा। 2022-2024 की दो भारत जोड़ो यात्राओं के रास्तों पर कांग्रेस ने कुल 41 लोकसभा सीटें जीती थीं और तेलंगाना में सरकार भी बनाई थी। लेकिन बिहार में यह असर नहीं दिखा और 'गांधीमैजिक' इस बार फीका पड़ गया।
इसके उलट, NDA ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। BJP अपने 101 में से 91 सीटों पर आगे है और JDU भी 80 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। सहयोगी पार्टियों का प्रदर्शन भी मजबूत रहा, जिसमें चिराग पासवान की LJP (RV) 28 में से 19 सीटों पर आगे है, उपेंद्र कुशवाहा की RLM 6 में से 3 पर बढ़त और जीतन राम मांझी की HAM 6 में से 5 सीटों पर आगे है।
राहुल गांधी का BJP पर आरोप
राहुल गांधी ने चुनाव के दौरान BJP और चुनाव आयोग पर 'वोटचोरी' का बड़ा आरोप लगाया था। कांग्रेस ने कहा था कि SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) के जरिए लाखों मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं और बिहार की यह यात्रा उसी 'धांधली' को उजागर करने के लिए निकाली गई थी।
लेकिन चुनाव नतीजे बताते हैं कि बिहार की जनता ने इस आरोप पर भरोसा नहीं किया। चुनाव आयोग ने पहले ही इन आरोपों को गलत बताया था। अब मतदाताओं ने भी इसे खारिज करते हुए NDA को भारी समर्थन दिया।
कांग्रेस की हार के पीछे महागठबंधन की कमजोर एकता भी बड़ा कारण मानी जा रही है। कांग्रेस ने RJD नेता तेजस्वी यादव को CM चेहरा घोषित करने में हिचक दिखाई, जिससे गठबंधन का संदेश साफ नहीं हो पाया।
क्यों पिछड़ गया महागठबंधन?
इसके अलावा, संयुक्त रणनीति की कमी और मैदान में बिखरा हुआ प्रचार भी कांग्रेस–RJD को भारी पड़ा। राहुल की यात्रा से जो उत्साह कार्यकर्ताओं में दिखा था, वह अभियान के अंत तक ठंडा पड़ गया। पार्टी की जमीन पर मौजूदगी भी कमजोर होती गई।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।