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    जान का खतरा बताकर अभय चौटाला की Z+ सिक्योरिटी की मांग, HC ने केंद्र व हरियाणा सरकार से जबाव किया तलब

    By DAYANANDEdited By: Anku Chahar
    Updated: Tue, 02 Dec 2025 12:54 PM (IST)

    इनेलो नेता अभय चौटाला ने जान से मारने की धमकी मिलने पर हाई कोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाई है। उन्होंने केंद्र और हरियाणा सरकार से जेड प्लस सुरक्षा की मांग की है। चौटाला ने कहा कि नफे सिंह राठी की हत्या के बाद उन पर खतरा बढ़ गया है, लेकिन सरकार ने कोई सुरक्षा नहीं दी। हाई कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है।

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    अभय चौटाला को गैगस्टरों से मिल रही जान से मारने की धमकी (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। इनेलो के वरिष्ठ नेता और विधायक रह चुके अभय सिंह चौटाला की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने केंद्र व हरियाणा सरकार को 16 दिसम्बर के लिए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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    चौटाला ने अंतरराष्ट्रीय गैंगस्टरों से मिली जान से मारने की धमकियों का हवाला देते हुए याचिका दायर की है। याचिका में उन्होंने केंद्रीय एजेंसी जैसे कि सीआरपीएफ से जेड प्लस अथवा जेड श्रेणी की सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की है।

    याचिका में कहना है कि आईएनएलडी प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व विधायक नफे सिंह राठी की हत्या के बाद उनके खिलाफ खतरे का स्तर और बढ़ गया है।

    याचिका में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय गैंगस्टरों द्वारा दी जा रही लगातार, वास्तविक और गंभीर धमकियों के बारे में राज्य सरकार को कई बार सूचित किया गया, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने “किसी भी स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की।”

    चौटाला का आरोप है कि न तो सुरक्षा मूल्यांकन समिति बनाई गई, न कोई सुरक्षा आकलन किया गया और न ही किसी तरह की तात्कालिक सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई, जबकि “खतरा तत्काल, गंभीर और बढ़ता हुआ” है।

    चार बार के विधायक, पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पौत्र अभय चौटाला ने कहा कि नफे सिंह राठी की हत्या में गिरफ्तारियों की लगातार मांग करने और इस मामले में हाई कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की पहल के बाद उनकी सुरक्षा जोखिम और बढ़ गई।

    उन्होंने यह मुद्दा 27 फरवरी 2024 को हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में उठाया था और अगले दिन मुख्यमंत्री को इस संबंध में पत्र लिखकर स्वतंत्र जांच की मांग भी की थी।

    याचिका में वर्ष 2000 से चौटाला की निरंतर राजनीतिक भूमिका, ऐलनाबाद से कई बार की चुनावी जीत और किसान आंदोलन व राठी हत्याकांड में उनकी सक्रियता का भी विवरण दिया गया है।

    याचिका में कहा गया है कि संगठित अपराध के खिलाफ उनकी “खुली और निर्भीक आवाज़” ने उन्हें और उनके परिवार को गंभीर खतरे में डाल दिया है।याचिका में दलील दी गई है कि संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन की सुरक्षा राज्य का मौलिक दायित्व है, इसलिए उन्हें केंद्र की सर्वोच्च श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।

    उन्होंने कहा कि “विशेष रूप से, बार-बार और तत्काल” की गई मांगों के बावजूद गृह विभाग ने उनकी अर्जी पर कोई विचार नहीं किया, जिसके चलते उन्हें हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी।