पंजाब में बाढ़ राहत के लिए भगवंत मान सरकार के प्रभावी कदम, किसानों को रिकार्ड मुआवजा
पंजाब सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में बाढ़ प्रभावित किसानों और आम लोगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की है। 'जिसका खेत, उसकी रेत' योजना के तहत किसानों को सहायता मिलेगी। फसल नुकसान के मुआवजे में भी वृद्धि की गई है। पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए मुआवजा बढ़ाया गया है। सरकार ने केंद्र से बाढ़ राहत मुआवजा बढ़ाने की मांग की है।

डिजिटल टीम, चडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने इस साल आई विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित किसानों और आम लोगों के लिए राहत का सबसे बड़ा पैकेज लागू किया है। सरकार ने ‘जिसका खेत, उसदी रेत’ योजना के तहत किसानों को अपने खेतों से रेत निकालने के लिए 7,200 प्रति एकड़ की सहायता देने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने फसल नुकसान के मुआवजे में भी ऐतिहासिक बढ़ोतरी की है। अब 26 से 33 प्रतिशत फसल नुकसान के लिए मुआवजा 10,000 प्रति एकड़, 33 से 75 प्रतिशत नुकसान पर 10,000 प्रति एकड़ और 75 से 100 प्रतिशत नुकसान पर 20,000 प्रति एकड़ दिया जाएगा। इनमें राज्य सरकार का योगदान 14,900 प्रति एकड़ है जो देश में किसी भी राज्य से सबसे अधिक है।
घर क्षति के मामलों में भी मुआवजा राशि को कई गुना बढ़ाया गया है। पूरी तरह क्षतिग्रस्त घरों के लिए अब 1.20 लाख, जबकि आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए 35,100 तक की सहायता दी जाएगी, जो पहले मात्र 6,500 थी। वहीं, जिन किसानों की जमीन बाढ़ में नदी में बह गई, उन्हें 47,500 प्रति हेक्टेयर (18,800 प्रति एकड़) का मुआवजा मिलेगा।

राज्य सरकार ने सेम प्रभावित क्षेत्रों के लिए 4.50 करोड़ की राशि पहले ही जारी कर दी है और केंद्र सरकार से बाढ़ राहत मुआवजा 50,000 प्रति एकड़ करने की मांग की है। मुख्यमंत्री मान ने केंद्र द्वारा घोषित 1,600 करोड़ की सहायता को अपर्याप्त बताया और कहा कि “यह पंजाब के दर्द के आगे समुंदर में एक बूंद के समान है।” पंजाब सरकार के ये कदम न केवल प्रभावित किसानों को राहत देने की दिशा में मील का पत्थर हैं, बल्कि राज्य में पारदर्शी और मानवीय आपदा प्रबंधन की मिसाल भी पेश करते हैं।

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