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    फिरोजपुर से पट्टी तक 25.7 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बनेगा, माझा से मालवा जुड़ेगा, पंजाब में विकास के रास्ते खुलेंगे, सेना को भी फायदा

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Wed, 12 Nov 2025 02:05 PM (IST)

    केंद्रीय रेलवे राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने पट्टी-फिरोजपुर रेलवे मार्ग परियोजना को जल्द पूरा करने की घोषणा की है। 764 करोड़ रुपये की लागत से 25.7 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बनेगा। इससे सेना और पंजाब के लोगों को फायदा होगा, साथ ही तरनतारन और फिरोजपुर जिलों में विकास के अवसर भी बढ़ेंगे।

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    चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते केंद्रीय रेल मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू।

    जागरण संवादादता, चंडीगढ़। केंद्रीय रेलवे राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा है कि लंबे समय से लंबित पड़े पट्टी-फिरोजपुर रेलवे मार्ग का प्रोजेक्ट जल्द पूरा करवाया जाएगा। 25.7 किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक बनाने को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है, जिस पर 764 करोड़ रुपये की राशि खर्च आएगी। 

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    कंद्रीय मंत्री चंडीगढ़ प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि नया रेलवे ट्रैक बनने से सेना को भी फायदा मिलेगा। साथ माझा का मालवा तक बेहतर रेल सुविधा मिलने से पंजाब के लोगों को भी फायदा होगा।

    यह प्रोजेक्ट पूरा होते ही तरनतारन व फिरोजपुर जिले के विकास के कई रास्ते खुलेंगे, क्योंकि इस मार्ग से व्यापार के अवसर रेलवे के माध्यम से बढ़ने है।

    रेलवे ट्रैक के लिए फिरोजपुर जिले के 4 और तरनतारन के 8 गांवों की जमीन एक्वायर की जाएगी। बिट्टू का कहना है कि इसे मंजूरी पहले ही मिल गई थी मगर उपचुनाव की वजह से हमने इसका ऐलान नहीं किया गया था। अब जब चुनाव हो गया है तो ऐलान कर दिया गया है।

    क्या होंगे रेलवे लाइन के फायदे

    • सतलुज में सबसे महंगा पुल बनेगा
    • माझा का मालवा से जुड़ाव होगा
    • निर्यात के लिए पोर्ट से जुड़ेगी रेलवे लाइन
    • बाॅर्डर के एरिया में फौज के लिए सहायक सिद्ध होगी
    • गुजरात कांडला पोर्ट, राजस्थान
    • अमृतसर के श्री हरिमंदिर साहिब के अलावा दूसरे पर्यटक स्थलों पर फुटफॉल बढ़ेगी

    बिट्टू बोले- 2008 की मांग, मगर पूरी मैंने करवाई

    रवनीत बिट्टू ने बताया कि इसके लिए 2008 में इसकी मांग उठनी शुरू हो गई थी। तब लालू प्रशाद यादव मंत्री थे, मगर काम नहीं हो पाया है। इससे पहले प्रकाश सिंह बादल, कैप्टन अमरिंदर सिंह और मोंटेक सिंह आहलूवालिया ने पत्र लिखे, वह रेलवे लाइन बनवाना चाहते थे मगर पैसे नहीं दिए। जब मैं मंत्री बना तो मैने इसकी फाइलें निकलवाईं और प्रधानमंत्री से मांग की है कि हम पैसे भी नहीं दे सकते हैं और इसे मंजूरी मिल गई है।