'तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है...', कपूरथला में साइबर ठगों ने बुजुर्ग को तीन दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, दोस्त ने ऐसे बचाया
कपूरथला में साइबर ठगों ने एक बुजुर्ग को 200 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग में फंसाकर तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखा। ठगों ने उसे धमकाया और चुप रहने को कहा। जब पत्नी ने गलती से फोन उठाया, तो उसे भी धमकाया गया। बुजुर्ग ने समझदारी से अपने दोस्त को बुलाया, जिससे ठगों ने फोन काट दिया। इस तरह बुजुर्ग साइबर ठगी से बच गए।

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जागरण संवाददाता, कपूरथला। साइबर ठगों ने बुजुर्ग के नाम पर 200 करोड़ की मनी लांड्रिंग की बात कह उन्हें तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। इस दौरान गलती से पत्नी ने फोन देख लिया तो धमकाया लेकिन जैसे ही बुजुर्ग ने पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग में रहे अपने एक दोस्त को दूसरे फोन से घर बुलाया तो साइबर ठगों ने फोन काट दिया। ऐसे में बुजुर्ग साइबर ठगी का शिकार होने से बाल बाल बच गए। फिलहाल बुजुर्ग दहशत में गुजारे गए तीन दिन के सदमे से बाहर नहीं निकल पाए हैं।
शालीमार बाग के पास रहने वाले 62 वर्षीय पंडित किशोर चंद शर्मा ने बताया कि वह पोस्ट आफिस की स्माल सेविंग्स एजेंट के तौर पर काम करते हैं। 29 अक्टूबर को वह घर से पोस्ट आफिस जाने के लिए अपनी गाड़ी में बैठ ही रहे थे कि उनके फोन पर 9136300706 नंबर से कॉल आई। उन्होंने कॉल रिसीव की तो दूसरी तरफ से व्यक्ति ने पूछा किशोर चंद शर्मा बोल रहे हो?। उनके हां बोलते ही वह बोला कि मैं टेलीकॉम विभाग से बोल रहा हूं।
2 घंटे में आपका यह नंबर बंद हो जाएगा, क्योंकि आपके नाम से एक सिम जारी हुई है जिसके आधार पर संगरूर के किसी नरेश गोयल ने 538 करोड़ की मनी लान्ड्रिंग की है। इसमें से 200 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग आपके नाम से हुई है। नरेश गोयल व तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है। उसके बाद उस ठग ने कहा कि मेरे अफसर से बात करो।
इसके बाद उस अफसर ने अपना नाम रणबीर शर्मा बताते हुए बताया कि वह भी पंजाबी है और अब उसकी पोस्टिंग मुंबई में है। इसलिए वह तुम्हारी मदद कर सकता है, बशर्ते कि जैसे तुम्हें कहा जाएगा, उसका पालन करते रहो। फिर कालर बोला कि पंडित जी आपकी जान को खतरा है, नरेश गोयल आपको मरवा सकता है। उसने कहा कि तुम 24 घंटे फोन ऐसे ही चलता रखोगे और घर या बाहर के किसी भी व्यक्ति को कुछ नहीं बताओगे।
किशोर चंद ने बताया कि वह इतना डर गए कि इस बारे में पत्नी तक को भी नहीं बताया। ठग समय-समय पर उसे निर्देश देते रहे। 30 अक्टूबर को उन्होंने मुझसे मेरे बैंक खातों में पैसे, एफडी, एलआइसी, पत्नी की एलआइसी की पूरी लिस्ट बनवाई। यहां तक कि बच्चों के नंबर भी पूछते रहे। उसके बाद कहने लगे कि सभी बैंकों की अमाउंट एसबीआई में ट्रांसफर करो। ऐसा करते-करते ही 30 अक्टूबर का दिन और रात भी निकल गई।
31 अक्टूबर को बेटे का अपनी मां को फोन आ गया, उसने कोई ओटीपी लेना था, जोकि मेरे नंबर पर आया था। मैं उस वक्त फोन को चालू हालत में ही छोड़कर बाथरूम चला गया था। पत्नी ने कमरे में आकर जैसे ही फोन उठाया तो कालर ने फोन काट दिया। कुछ मिनट बाद ही फोन आ गया कि किसने फोन उठाया था ? और डांटने लगे। फिर बोले लगा कि अब थोड़ी देर में तुम्हारी सुप्रीम कोर्ट के जज के सामने ऑनलाइन हियरिंग है। आपके कमरे में कोई नहीं होना चाहिए। इस पर वह किसी बहाने से फोन चलता छोड़ ही बाहर आ गया और अपने एक दोस्त सुरेश ठाकुर को दूसरे फोन से कॉल कर घर बुलाया।

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