मोगा में खाली बैठने का अनोखा कंपीटिशन, 55 लोगों ने लिया हिस्सा; विजेताओं को मिला नकद पुरस्कार और घी
मोगा के घोलियां खुर्द गांव में 'वेहले बेहण दे' कंपीटिशन हुआ, जिसमें 55 लोगों ने हिस्सा लिया। उम्र की कोई सीमा नहीं थी। मोबाइल से दूरी और शांतिपूर्ण बैठने के मकसद से आयोजित इस प्रतियोगिता में कई नियम थे। लवप्रीत सिंह ने पहला स्थान हासिल किया, जबकि सतवीर सिंह दूसरे स्थान पर रहे। विजेताओं को नकद पुरस्कार और घी दिया गया।

घोलियां खुर्द में फ्री बैठने का अनोखा कंपीटिशन (प्रतीकात्मक फोटो)
संवाद सहयोगी, मोगा। जिले के गांव घोलियां खुर्द में ‘वेहले बेहण दे’ कंपीटिशन करवाया गया, जिसमें 55 लोगों ने हिस्सा लिया।
प्रतियोगिता में उम्र की कोई सीमा नहीं थी, इसलिए पति-पत्नी, दादा-पौत्र, युवा और बुजुर्ग सभी शामिल हुए। प्रतिभागियों के लिए 11 नियम बनाए गए थे, जिनमें मोबाइल का उपयोग न करना और झगड़ा न करना प्रमुख थे। कार्यक्रम के दौरान किताबें पढ़ने और अपने-अपने धर्म का सिमरन करने की अनुमति दी गई।
मुकाबले का उद्देश्य लोगों को मोबाइल से दूर रखकर यह बताना था कि उसके बिना जीवन में अधिक शांति और मानसिक सुकून मिलता है। आयोजक विक्रमजीत सिंह ने बताया कि यह प्रतियोगिता समय की जरूरत है, क्योंकि लोग मोबाइल के कारण आपस में बैठकर बातचीत करना भूल चुके हैं।
यह भी देखा जाएगा कि कौन कितनी देर फुर्सत से बैठ सकता है और इससे मानसिक संतुलन का भी अंदाज़ा होगा। विजेता वही घोषित होगा जो सबसे अंत तक बैठा रहेगा, और प्रतियोगिता के लिए कोई एंट्री फीस नहीं रखी गई थी।
परिणामों में गांव नत्थोके के लवप्रीत सिंह पहले, रौली निवासी सतवीर सिंह दूसरे और चन्न सिंह ढुडीके तीसरे स्थान पर रहे।
पहले और दूसरे स्थान पर आने वालों को 3500-3500 रुपए नकद व साइकिलें दी गईं, जबकि तीसरे स्थान वाले को 2500 रुपए दिए गए। तीनों को चार किलो देसी घी भी प्रदान किया गया। इस मौके पर राजा कनाड़ा, अमन घोलियां, किंदा, दीपा, बहादुर सिंह और जज घोलियां मौजूद थे।

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