कोरोना के प्रति लापरवाही: वैक्सीनेशन कैंप दस में से दो रह गए, हर घर दस्तक मुहिम भी बंद
उधर आशावर्करों ने भी कोविड संबंध काम बंद कर रखा है। उनका कहना है कि उन्हें मुहिम संबंधी कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं और अगर आदेश जारी होंगे भी तो भी वे काम नहीं करेंगे क्योंकि उनका कोरोना भत्ता बंद कर दिया गया है।

संवाद सहयोगी, पठानकोट: सेहत विभाग कोविड को लेकर लापरवाह होता जा रहा है। सेहत विभाग की ओर से कोविड वैक्सीनेशन के लिए लगाए गए ज्यादातर कैंप बंद कर दिए गए हैं। दूसरी तरफ हर घर दस्तक मुहिम भी जिले में बंद पड़ी है। इस मुहिम के तहत घर-घर जाकर लोगों की वैक्सीनेशन की जानी है, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक आशावर्कर्स को इस संबंधी आदेश जारी नहीं किए गए हैं। उधर, आशावर्करों ने भी कोविड संबंध काम बंद कर रखा है। उनका कहना है कि उन्हें मुहिम संबंधी कोई आदेश जारी नहीं हुए हैं और अगर आदेश जारी होंगे भी तो भी वे काम नहीं करेंगे, क्योंकि उनका कोरोना भत्ता बंद कर दिया गया है।
जानकारी के लिए बता दें कि कोविड के बढ़ते मामलों के मद्देनजर विभाग की ओर से शहर में करीब 10 स्थानों पर वैक्सीनेशन कैंप लगाए जा रहे थे। जहां पर कोवैक्सीन, कोविशील्ड व बूस्टर डोज लगाई जा रही थी। विगत पंद्रह दिनों से ज्यादतर वैक्सीनेशन कैंप बंद कर दिए गए हैं। अब केवल दो ही कैंप में वैक्सीनेशन हो रही है, जिस कारण लोगों को वैक्सीन करवाने के लिए भटकना पड़ रहा है। बता दें कि जिले में अब तक 1048094 लोगों को कोविड वैक्सीन लग चुकी है। 688 लोगों ने शुक्रवार को कोवैक्सीन, कोविशील्ड, कार्बेवैक्स व बूस्टर डोज लगवाई गई।
वर्तमान में पशु अस्पताल व अर्बन डिस्पेंसरी शहीद भगत सिंह नगर में वैक्सीनेशन कैंप लगाए जा रहे हैं। यहां पर कोवैक्सीन, कोविशील्ड व बूस्टर डोज लगाई जा रही है। पशु अस्पताल में 12 से 14 वर्ष के बच्चों को लगाई जाने वाली डोज कार्बेवैक्स का कैंप केवल सोमवार को ही लगाया जा रहा है।
पहले यहां लगते थे स्थाई वैक्सीनेशन कैंप
- पशु अस्पताल
- डीसी कार्यालय
- कबाड़ यूनियन धर्मशाला
- न्यू टेंप्रस हाल
- खत्री भवन
- सिंह सभा गुरुद्वारा
- इंम्प्रूवमेंट ट्रस्ट
- शापिग कांप्लेक्स वाल्मीकि चौक
- विश्वकर्मा मंदिर
- आर्य ब्वायज स्कूल
घर-घर वैक्सीन के लिए नहीं लगाई आशा वर्करों की ड्यूटी
कुछ दिनों पहले सिविल सर्जन डाक्टर रुबिदर कौर की ओर से रिव्यू मिटिग के दौरान सभी प्रोग्राम आफिसर व एसएमओ को आदेश जारी किए गए थे कि आशा वर्कर्स की हर घर दस्तक के तहत घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने की डयूटी लगाई जाए, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक आशा वर्कर्स की ड्यूटी नहीं लगाई गई है। आदेश मिले तो भी काम नहीं करेंगे: जिला प्रधान रजनी
उधर, आशा वर्कर्स यूनियन की जिला प्रधान रजनी घरोटा का कहना है कि कोरोना भत्ता बंद किए जाने के विरोध में उनकी ओर से कोरोना संबंधी काम का बायकाट किया गया है। हर घर दस्तक प्रोग्राम के तहत घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने के उन्हें कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। अगर विभाग की ओर से ऐसे आदेश दिए भी जाते है तो उनकी यूनियन इन आदेशों का भी बायकाट करेगी व कोरोना संबंधी कोई काम नहीं करेगी। एसएमओ बोले- सिविल सर्जन ने लगानी है आशा वर्कर्स की ड्यूटी
एसएमओ डाक्टर सतनाम सिंह का कहना है कि आशा वर्कर्स की ड्यूटी सिविल सर्जन की ओर से ही लगाई जानी है। इसका जवाब वही दे सकती हैं। उन्होंने बताया कि पशु अस्पताल व अर्बन डिस्पेंसरी शहीद भगत सिंह नगर में वैक्सीनेशन कैंप लगाएा रहे है वहीं अन्य कैंप बंद कर दिए गए हैं। उधर, जब आशा वर्कर्स की ड्यूटी न लगाए जाने पर सिविल सर्जन डाक्टर रुबिदर कौर से बात करना चाही तो हर बार की तरह उनकी ओर से व्यस्त होने की बात कही गई।

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