Utpanna Ekadashi 2024: इस आरती के बिना अधूरी है उत्पन्ना एकादशी की पूजा, पूरी होती है मनचाही मुराद
ज्योतिषियों की मानें तो उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2024) पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही कई अन्य मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस शुभ अवसर पर मंदिरों में लक्ष्मी नारायण जी की विशेष पूजा की जाती है।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Mon, 25 Nov 2024 07:40 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। इस वर्ष 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी है। इस शुभ तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त एकादशी का व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही घर में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली आती है। साधक श्रद्धा भाव से एकादशी तिथि पर लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करते हैं। साथ ही पूजा के अंत में आरती-अर्चना की जाती है। अगर आप भी अपने जीवन में व्याप्त दुख एवं संकट से निजात पाना चाहते हैं, तो आज श्रद्धा भाव से भगवान विष्णु की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय एकादशी माता की आरती ( Utpanna Ekadashi 2024 Aarti) अवश्य करें।
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॥ एकादशी माता की आरती ॥
ॐ जय एकादशी, जय एकादशी,जय एकादशी माता।विष्णु पूजा व्रत को धारण कर,शक्ति मुक्ति पाता॥
ॐ जय एकादशी...॥तेरे नाम गिनाऊं देवी,भक्ति प्रदान करनी।गण गौरव की देनी माता,शास्त्रों में वरनी॥ॐ जय एकादशी...॥मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना,विश्वतारनी जन्मी।शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा,मुक्तिदाता बन आई॥
ॐ जय एकादशी...॥पौष के कृष्णपक्ष की,सफला नामक है।शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा,आनन्द अधिक रहै॥ॐ जय एकादशी...॥नाम षटतिला माघ मास में,कृष्णपक्ष आवै।शुक्लपक्ष में जया, कहावै,विजय सदा पावै॥ॐ जय एकादशी...॥विजया फागुन कृष्णपक्ष मेंशुक्ला आमलकी।पापमोचनी कृष्ण पक्ष में,चैत्र महाबलि की॥ॐ जय एकादशी...॥चैत्र शुक्ल में नाम कामदा,धन देने वाली।
नाम वरूथिनी कृष्णपक्ष में,वैसाख माह वाली॥ॐ जय एकादशी...॥शुक्ल पक्ष में होयमोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी।नाम निर्जला सब सुख करनी,शुक्लपक्ष रखी॥ॐ जय एकादशी...॥योगिनी नाम आषाढ में जानों,कृष्णपक्ष करनी।देवशयनी नाम कहायो,शुक्लपक्ष धरनी॥ॐ जय एकादशी...॥कामिका श्रावण मास में आवै,कृष्णपक्ष कहिए।श्रावण शुक्ला होयपवित्रा आनन्द से रहिए॥
ॐ जय एकादशी...॥अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की,परिवर्तिनी शुक्ला।इन्द्रा आश्चिन कृष्णपक्ष में,व्रत से भवसागर निकला॥ॐ जय एकादशी...॥पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में,आप हरनहारी।रमा मास कार्तिक में आवै,सुखदायक भारी॥ॐ जय एकादशी...॥देवोत्थानी शुक्लपक्ष की,दुखनाशक मैया।पावन मास में करूंविनती पार करो नैया॥ॐ जय एकादशी...॥परमा कृष्णपक्ष में होती,जन मंगल करनी।
शुक्ल मास में होयपद्मिनी दुख दारिद्र हरनी॥ॐ जय एकादशी...॥जो कोई आरती एकादशी की,भक्ति सहित गावै।जन गुरदिता स्वर्ग का वासा,निश्चय वह पावै॥ॐ जय एकादशी...॥