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Utpanna Ekadashi 2024: एक क्लिक में पढ़ें उत्पन्ना एकादशी का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारी

मार्गशीर्ष माह की उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2024) से एकादशी व्रत की शुरुआत करना उत्तम माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu Puja Vidhi) और मां लक्ष्मी की उपासना करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। आइए उत्पन्ना एकादशी का शुभ मुहूर्त पूजा विधि और भोग समेत आदि के बारे में जानते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Tue, 26 Nov 2024 09:10 AM (IST)
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Lord Vishnu: इस विधि से करें विष्णु जी की पूजा
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर उत्पन्ना एकादशी मनाई जाती है। यह तिथि भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ मानी जाती है। धार्मिक मान्यता है कि उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2024Vrat) पर श्रीहरि की पूजा करने से जातक के सभी पाप दूर होते हैं। इस व्रत को करने से पुण्य-प्रताप की प्राप्ति होती है।

उत्पन्ना एकादशी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Utpanna Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 26 नवंबर को देर रात 01 बजकर 01 मिनट पर हो गई है । वहीं, इस तिथि का समापन 27 नवंबर को देर रात 03 बजकर 47 मिनट पर होगा। ऐसे में आज यानी 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी (Kab Hai Utpanna Ekadashi 2024) व्रत किया जा रहा है।

उत्पन्ना एकादशी 2024 व्रत पारण समय (Utpanna Ekadashi 2024 Vrat Parana Time)

उत्पन्ना एकादशी का पारण 27 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से लेकर 03 बजकर 18 मिनट के बीच कर सकते हैं।

उत्पन्ना एकादशी 2024 पूजा विधि (Utpanna Ekadashi 2024 Puja Vidhi)

  • सुबह जल्दी उठें और स्नान कर पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
  • चौकी पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की प्रतिमा को स्थापित करें।
  • विष्णु जी को फूलमाला चढ़ाएं और चंदन का तिलक लगाएं।
  • मां लक्ष्मी को सोलह श्रृंगार की चीजें अर्पित करें।
  • देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें और मंत्रो का जप करें।
  • व्रत कथा का पाठ करें।
  • विष्णु जी को पंचामृत और फल समेत आदि चीजों का भोग लगाएं।
  • लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
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भगवान विष्णु को लगाएं इन चीजों का भोग (Lord Vishnu Ke Bhog)

धार्मिक मान्यता के अनुसार, एकादशी के दिन भगवान श्रीहरि को पंचामृत, फल, पीली मिठाई का भोग लगाने से जातक को पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है।

भगवान विष्णु के मंत्र (Shri Vishnu Mantra)

  • ॐ अं वासुदेवाय नम:
  • ॐ आं संकर्षणाय नम:
  • ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:
  • ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:
  • ॐ नारायणाय नम:
  • ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
  • ॐ विष्णवे नम:
  • ॐ हूं विष्णवे नम:
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