Move to Jagran APP

Ashadha Amavasya 2024: आषाढ़ अमावस्या पर जरूर करें यह कार्य, नाराज पितृ होंगे प्रसन्न

अमावस्या पर श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगाते हैं और पितरों की पूजा करते हैं। धार्मिक मत है कि अमावस्या तिथि पर पिंडदान करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। यदि आप भी आषाढ़ अमावस्या के दिन नाराज पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं तो पितरों की पूजा कर पितृ देव की आरती करें। इससे सुख-समृद्धि में वृद्धि होगी।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Fri, 05 Jul 2024 06:30 AM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2024 06:30 AM (IST)
Ashadha Amavasya 2024: अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित है। (Pic Credit-Freepik)

धर्म डेक्स, नई दिल्ली। Pitru Dev Aarti: हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस्या का पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष 05 जुलाई (Ashadha Amavasya 2024 Date) को आषाढ़ अमावस्या है। इस तिथि पवित्र नदी में स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। साथ ही श्री हरि और पितरों की पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि इन शुभ कार्यों को करने से जातक को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही पूर्वजों की कृपा प्राप्त होती है। 

यह भी पढ़ें: Ashadha Amavasya 2024: आषाढ़ अमावस्या पर इस शुभ मुहूर्त में करें स्नान-दान और पूजा, पितृ होंगे प्रसन्न

पितर देव की आरती (Pitru Dev Aarti)

जय जय पितर जी महाराज,

मैं शरण पड़ा तुम्हारी,

शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,

रख लेना लाज हमारी,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

आप ही रक्षक आप ही दाता,

आप ही खेवनहारे,

मैं मूरख हूं कछु नहिं जानू,

आप ही हो रखवारे,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

आप खड़े हैं हरदम हर घड़ी,

करने मेरी रखवारी,

हम सब जन हैं शरण आपकी,

है ये अरज गुजारी,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

देश और परदेश सब जगह,

आप ही करो सहाई,

काम पड़े पर नाम आपके,

लगे बहुत सुखदाई,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

भक्त सभी हैं शरण आपकी,

अपने सहित परिवार,

रक्षा करो आप ही सबकी,

रहूं मैं बारम्बार,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

जय जय पितर जी महाराज,

मैं शरण पड़ा हू तुम्हारी,

शरण पड़ा हूं तुम्हारी देवा,

रखियो लाज हमारी,

जय जय पितृ जी महाराज, मैं शरण पड़ा तुम्हारी।।

यह भी पढ़ें: Ashadha Amavasya 2024: आषाढ़ अमावस्या पर राशि अनुसार करें इन चीजों का दान, प्राप्त होगा पितरों का आशीर्वाद


अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.