Gupt Navratri 2024: नवमी तिथि पर पूजा के समय करें मां कमला के 108 नामों का मंत्र जप, पूरी होगी मनचाही मुराद
धार्मिक मत है कि गुप्त नवरात्र के दौरान जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा और उनके विभिन्न रूपों की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही व्रती को सभी प्रकार के कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। अतः साधक श्रद्धा भाव से जगत की देवी मां दुर्गा की उपासना करते हैं। साथ ही मां दुर्गा के निमित्त व्रत रखते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ashadha Gupt Navratri 2024: आषाढ़ गुप्त नवरात्र की नवमी तिथि पर दस महाविद्याओं की अंतिम देवी मां कमला की उपासना की जाती है। साथ ही गुप्त कार्यों में सिद्धि पाने के लिए व्रत रखा जाता है। श्रीमद्भागवत में मां कमला की महिमा का वर्णन किया गया है। धार्मिक मत है कि मां कमला की पूजा करने से साधक को हर कार्य में पूर्णतया सफलता मिलती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साधक श्रद्धा भाव से मां कमला की भक्ति आराधना करते हैं। अगर आप भी मां कमला की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो गुप्त नवरात्र की नवमी तिथि पर स्नान-ध्यान के बाद विधि-विधान से मां कमला की पूजा करें। साथ ही पूजा के समय मां कमला के 108 नामों का मंत्र जप करें।
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मां कमला के 108 नाम
- ॐ महामायायै नमः
- ॐ महालक्ष्यै नमः
- ॐ महावाण्यै नमः
- ॐ महेश्वर्यै नमः
- ॐ महादेव्यै नमः
- ॐ महारात्र्यै नमः
- ॐ महिषासुरमर्दिन्यै नमः
- ॐ कालरात्र्यै नमः
- ॐ कुह्वै नमः
- ॐ पूर्णायै नमः
- ॐ आनन्दायै नमः
- ॐ आद्यायै नमः
- ॐ भद्रिकायै नमः
- ॐ निशायै नमः
- ॐ जयायै नमः
- ॐ रिक्तायै नमः
- ॐ महाशक्त्यै नमः
- ॐ देवमात्रे नमः
- ॐ कृशोदर्यै नमः
- ॐ शच्यै नमः
- ॐ इन्द्राण्यै नमः
- ॐ शक्रनुतायै नमः
- ॐ शङ्करप्रियवल्लभायै नमः
- ॐ महावराहजनन्यै नमः
- ॐ मदनोन्मथिन्यै नमः
- ॐ मह्यै नमः
- ॐ वैकुण्ठनाथरमण्यै नमः
- ॐ विष्णुवक्षःस्थलस्थितायै नमः
- ॐ विश्वेश्वर्यै नमः
- ॐ विश्वमात्रे नमः
- ॐ वरदायै नमः
- ॐ अभयदायै नमः
- ॐ शिवायै नमः
- ॐ शूलिन्यै नमः
- ॐ चक्रिण्यै नमः
- ॐ मायै नमः
- ॐ पाशिन्यै नमः
- ॐ शङ्खधारिण्यै नमः
- ॐ गदिन्यै नमः
- ॐ मुण्डमालायै नमः
- ॐ कमलायै नमः
- ॐ करूणालयायै नमः
- ॐ पद्माक्षधारिण्यै नमः
- ॐ अम्बायै नमः
- ॐ महाविष्णुप्रियङ्कर्यै नमः
- ॐ गोलोकनाथरमण्यै नमः
- ॐ गोलोकेश्वरपूजितायै नमः
- ॐ गयायै नमः
- ॐ गङ्गायै नमः
- ॐ यमुनायै नमः
- ॐ गोमत्यै नमः
- ॐ गरूडासनायै नमः
- ॐ गण्डक्यै नमः
- ॐ सरय्वै नमः
- ॐ ताप्यै नमः
- ॐ रेवायै नमः
- ॐ पयस्विन्यै नमः
- ॐ नर्मदायै नमः
- ॐ कावेर्यै नमः
- ॐ केदारस्थलवासिन्यै नमः
- ॐ किशोर्यै नमः
- ॐ केशवनुतायै नमः
- ॐ महेन्द्रपरिवन्दितायै नमः
- ॐ ब्रह्मादिदेवनिर्माणकारिण्यै नमः
- ॐ वेदपूजितायै नमः
- ॐ कोटिब्रह्माण्डमध्यस्थायै नमः
- ॐ कोटिब्रह्माण्डकारिण्यै नमः
- ॐ श्रुतिरूपायै नमः
- ॐ श्रुतिकर्यै नमः
- ॐ श्रुतिस्मृतिपरायणायै नमः
- ॐ इन्दिरायै नमः
- ॐ सिन्धुतनयायै नमः
- ॐ मातङ्ग्यै नमः
- ॐ लोकमातृकायै नमः
- ॐ त्रिलोकजनन्यै नमः
- ॐ तन्त्रायै नमः
- ॐ तन्त्रमन्त्रस्वरूपिण्यै नमः
- ॐ तरुण्यै नमः
- ॐ तमोहन्त्र्यै नमः
- ॐ मङ्गलायै नमः
- ॐ मङ्गलायनायै नमः
- ॐ मधुकैटभमथन्यै नमः
- ॐ शुम्भासुरविनाशिन्यै नमः
- ॐ निशुम्भादिहरायै नमः
- ॐ मात्रे नमः
- ॐ हरिशङ्करपूजितायै नमः
- ॐ सर्वदेवमय्यै नमः
- ॐ सर्वायै नमः
- ॐ शरणागतपालिन्यै नमः
- ॐ शरण्यायै नमः
- ॐ शम्भुवनितायै नमः
- ॐ सिन्धुतीरनिवासिन्यै नमः
- ॐ गन्धर्वगानरसिकायै नमः
- ॐ गीतायै नमः
- ॐ गोविन्दवल्लभायै नमः
- ॐ त्रैलोक्यपालिन्यै नमः
- ॐ तत्त्वरूपायै नमः
- ॐ तारुण्यपूरितायै नमः
- ॐ चन्द्रावल्यै नमः
- ॐ चन्द्रमुख्यै नमः
- ॐ चन्द्रिकायै नमः
- ॐ चन्द्रपूजितायै नमः
- ॐ चन्द्रायै नमः
- ॐ शशाङ्कभगिन्यै नमः
- ॐ गीतवाद्यपरायणायै नमः
- ॐ सृष्टिरूपायै नमः
- ॐ सृष्टिकर्यै नमः
- ॐ सृष्टिसंहारकारिण्यै नमः
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