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Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत पर भगवान शिव को इस तरह करें प्रसन्न, सभी दुख होंगे दूर, जीवन होगा सुखमय

प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव (Lord Shiv) और मां पार्वती की पूजा प्रदोष काल में करने का विधान है। व्रत के दौरान महादेव की पूजा-अर्चना करने के बाद प्रभु की आरती जरूर करें। धार्मिक मत है कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) में आरती न करने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। आइए पढ़ते हैं शिव आरती।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Published: Wed, 03 Jul 2024 06:30 AM (IST)Updated: Wed, 03 Jul 2024 06:30 AM (IST)
Pradosh Vrat 2024: भगवान शिव को समर्पित है प्रदोष व्रत

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Pradosh Vrat 2024: पंचांग के अनुसार, हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। इस वर्ष आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष में प्रदोष व्रत आज यानी 03 जुलाई को है। मान्यता है कि त्रयोदशी पर देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने से इंसान के जीवन में व्याप्त सभी तरह के मानसिक और शारीरिक कष्ट जल्द दूर होते हैं और शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।

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प्रदोष व्रत 2024 डेट और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 03 जुलाई को सुबह 07 बजकर 10 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 04 जुलाई को सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में प्रदोष व्रत 03 जुलाई को किया जाएगा।

शिव जी की आरती (Lord Shiva Aarti)

जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव...॥

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव...॥

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी ॥ ॐ जय शिव...॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव...॥

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता ॥ ॐ जय शिव...॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका ॥ ॐ जय शिव...॥

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥ ॐ जय शिव...॥

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे ।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे ॥ ॐ जय शिव...॥

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

 


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