Sawan Purnima 2023: अलग-अलग तारीख पर किया जाएगा सावन पूर्णिमा व्रत और स्नान दान, जानिए शुभ मुहूर्त
Sawan Purnima 2023 सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। 30 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा व्रत किया जाएगा। साथ ही इस दिन रक्षाबंधन का पर्व भी मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि पर स्नान दान करने का विशेष महत्व है। इस साल सावन पूर्णिमा की तिथि दो दिन है इस वजह से सावन पूर्णिमा व्रत और सावन पूर्णिमा स्नान-दान अलग-अलग दिन किए जाएंगे।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Sawan Purnima 2023: वर्ष 2023 में सावन मास की शुक्ल पक्ष की दूसरी पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को पड़ रही है। सावन के महीने में आने के कारण इसे श्रावणी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं पूर्णिमा तिथि पर कब स्नान दान आदि किया जा सकेगा और इसका क्या महत्व है।
पूर्णिमा पर स्नान का महत्व
पूर्णिमा के दिन स्नान-दान करना बहुत पुण्यदायी होता है। माना जाता है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। अगर ऐसा संभव न हो तो आप घर में भी गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इससे भी पुण्य फलों की प्राप्ति होती है।
ये चीजें करें दान
साथ ही पूर्णिमा तिथि पर दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है। पूर्णिमा का दिन चंद्रमा को समर्पित होता है। इसलिए सावन पूर्णिमा के दिन स्नान करने के बाद चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं जैसे चावल, सफेद वस्त्र, चीनी, सफेद चंदन, दूध, खीर आदि का दान करना शुभ माना जाता है।
कब कर सकेंगे स्नान दान
पंचांग के अनुसार, श्रावण पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 30 अगस्त सुबह 10 बजकर 59 मिनट से हो हो रही है और यह तिथि 31 अगस्त सुबह 7 बजकर 06 मिनट तक रहेगी। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर शाम की पूजा का विशेष महत्व है, इसलिए 30 अगस्त को पूर्णिमा व्रत रखा जाएगा। हालांकि स्नान दान का महत्व उदया तिथि में होता है इसलिए 31 अगस्त को स्नान दान किया जाएगा। पूर्णिमा का सूर्योदय 31 अगस्त को सुबह 05 बजकर 58 मिनट पर होगा इसलिए ब्रह्म मुहूर्त से सावन पूर्णिमा का स्नान-दान प्रारंभ हो जाएगा।
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