Tula Sankranti 2024: सूर्य देव की पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, सभी कष्टों से मिलेगी निजात
ज्योतिषियों की मानें तो सूर्य देव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य देव 17 अक्टबूर यानी आज तुला राशि (Tula Sankranti 2024) में गोचर करेंगे। इससे राशि चक्र की सभी राशियों पर भाव अनुसार प्रभाव पड़ने वाला है। सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं। वहीं मेष राशि में सूर्य देव उच्च के होते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Thu, 17 Oct 2024 08:09 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, आज तुला संक्रांति है। इस शुभ तिथि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा समेत पवित्र नदियों में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। साथ ही पूजा, जप-तप एवं दान-पुण्य कर रहे हैं। धार्मिक मत है कि सूर्य देव की उपासना करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। ज्योतिष भी करियर और कारोबार में मनमुताबिक सफलता प्राप्त करने के लिए सूर्य देव की पूजा करने की सलाह देते हैं। पिता जी की सेवा करने से भी कुंडली में सूर्य मजबूत होता है। इसके लिए साधक श्रद्धा भाव से सूर्य उपासना करते हैं। अगर आप भी सूर्य देव की कृपा के भागी बनना चाहते हैं, तो तुला संक्रांति तिथि (Tula Sankranti Significance) पर स्नान-ध्यान के बाद सूर्य देव की पूजा करें। वहीं, पूजा के समय सूर्य देव के नामों का मंत्र जप करें।
सूर्य देव के 108 नाम
1. ॐ नित्यानन्दाय नमः2. ॐ निखिलागमवेद्याय नमः3. ॐ दीप्तमूर्तये नमः4. ॐ सौख्यदायिने नमः5. ॐ श्रेयसे नमः6. ॐ श्रीमते नमः7. ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः8. ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः9. ॐ सम्पत्कराय नमः10. ॐ हिरण्यगर्भाय नमः11. ॐ तेजोरूपाय नमः12. ॐ परेशाय नमः13. ॐ नारायणाय नमः
14. ॐ कवये नमः15. ॐ सूर्याय नमः16. ॐ सकलजगतांपतये नमः17. ॐ सौख्यप्रदाय नमः18. ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः19. ॐ भास्कराय नमः20. ॐ ग्रहाणांपतये नमः21. ॐ वरेण्याय नमः22. ॐ तरुणाय नमः
23. ॐ परमात्मने नमः24. ॐ हरये नमः25. ॐ रवये नमः26. ॐ अहस्कराय नमः27. ॐ परस्मै ज्योतिषे नमः28. ॐ अमरेशाय नमः29. ॐ अच्युताय नमः30. ॐ आत्मरूपिणे नमः31. ॐ अचिन्त्याय नमः32. ॐ अन्तर्बहिः प्रकाशाय नमः33. ॐ अब्जवल्लभाय नमः34. ॐ कमनीयकराय नमः35. ॐ असुरारये नमः36. ॐ उच्चस्थान समारूढरथस्थाय नमः
37. ॐ जन्ममृत्युजराव्याधिवर्जिताय नमः38. ॐ जगदानन्दहेतवे नमः39. ॐ जयिने नमः40. ॐ ओजस्कराय नमः41. ॐ भक्तवश्याय नमः42. ॐ दशदिक्संप्रकाशाय नमः43. ॐ शौरये नमः44. ॐ हरिदश्वाय नमः45. ॐ शर्वाय नमः46. ॐ ऐश्वर्यदाय नमः47. ॐ ब्रह्मणे नमः48. ॐ बृहते नमः49. ॐ घृणिभृते नमः50. ॐ गुणात्मने नमः51. ॐ सृष्टिस्थित्यन्तकारिणे नमः
52. ॐ भगवते नमः53. ॐ एकाकिने नमः54. ॐ आर्तशरण्याय नमः55. ॐ अपवर्गप्रदाय नमः56. ॐ सत्यानन्दस्वरूपिणे नमः57. ॐ लूनिताखिलदैत्याय नमः58. ॐ खद्योताय नमः59. ॐ कनत्कनकभूषाय नमः60. ॐ घनाय नमः61. ॐ कान्तिदाय नमः62. ॐ शान्ताय नमः63. ॐ लुप्तदन्ताय नमः64. ॐ पुष्कराक्षाय नमः65. ॐ ऋक्षाधिनाथमित्राय नमः
66. ॐ उज्ज्वलतेजसे नमः67. ॐ ऋकारमातृकावर्णरूपाय नमः68. ॐ नित्यस्तुत्याय नमः69. ॐ ऋजुस्वभावचित्ताय नमः70. ॐ ऋक्षचक्रचराय नमः71. ॐ रुग्घन्त्रे नमः72. ॐ ऋषिवन्द्याय नमः73. ॐ ऊरुद्वयाभावरूपयुक्तसारथये नमः74. ॐ जयाय नमः75. ॐ निर्जराय नमः76. ॐ वीराय नमः77. ॐ ऊर्जस्वलाय नमः78. ॐ हृषीकेशाय नमः79. ॐ उद्यत्किरणजालाय नमः
80. ॐ विवस्वते नमः81. ॐ ऊर्ध्वगाय नमः82. ॐ उग्ररूपाय नमः83. ॐ उज्ज्वल नमः84. ॐ वासुदेवाय नमः85. ॐ वसवे नमः86. ॐ वसुप्रदाय नमः87. ॐ सुवर्चसे नमः88. ॐ सुशीलाय नमः89. ॐ सुप्रसन्नाय नमः90. ॐ ईशाय नमः91. ॐ वन्दनीयाय नमः92. ॐ इन्दिरामन्दिराप्ताय नमः93. ॐ भानवे नमः94. ॐ इन्द्राय नमः95. ॐ इज्याय नमः
96. ॐ विश्वरूपाय नमः97. ॐ इनाय नमः98. ॐ अनन्ताय नमः99. ॐ अखिलज्ञाय नमः100. ॐ अच्युताय नमः101. ॐ अखिलागमवेदिने नमः102. ॐ आदिभूताय नमः103 ॐ आदित्याय नमः104. ॐ आर्तरक्षकाय नमः105. ॐ असमानबलाय नमः106. ॐ करुणारससिन्धवे नमः107. ॐ शरण्याय नमः108. ॐ अरुणाय नमःयह भी पढ़ें: शरद पूर्णिमा के अगले दिन है तुला संक्रांति, नोट करें शुभ मुहूर्त एवं पूजा विधि
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