Aaj Ka Panchang 24 November 2024: उत्पन्ना एकादशी से पहले बना सर्वार्थ सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग, पढ़ें पंचांग
आज मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि है। सनातन धर्म में रविवार के दिन सूर्य देव की पूजा करने का विधान है। सूर्य देव की पूजा करने से सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही करियर को भी नया आयाम मिलता है। आइएपंडित हर्षित जी से आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 24 November 2024) जानते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Sun, 24 Nov 2024 06:00 AM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। वैदिक पंचांग के अनुसार, 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी है। यह पर्व लक्ष्मी नारायण जी को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो उत्पन्ना एकादशी से दो दिन पूर्व यानी रविवार 24 नवंबर के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस योग में सूर्य देव और भगवान नारायण की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी। साथ ही शुभ कार्यों में सफलता मिलेगी। आइए, 'पंडित हर्षित जी' से आज का पंचांग जानते हैं।
शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि आज यानी 24 नवंबर को रात 10 बजकर 19 मिनट तक है। इसके बाद दशमी तिथि शुरू होगी। दशमी तिथि 25 नवंबर को देर रात 01 बजकर 01 मिनट पर शुरू होगी। इस शुभ अवसर पर सूर्य देव की पूजा कर सकते हैं।
शुभ योग (Shubh 2024 Yog)
ज्योतिषियों की मानें तो मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग की शुरुआत रात 10 बजकर 16 मिनट से हो रही है। वहीं, समापन 25 नवंबर को प्रात: काल 06 बजकर 52 मिनट तक है। इस शुभ अवसर पर नए कार्य का श्रीगणेश कर सकते हैं। ज्योतिष सर्वार्थसिद्धि योग को बेहद शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान विष्णु की पूजा-उपासना करने से बड़ी से बड़ी विपत्ति दूर हो जाती है।करण
आज यानी 24 नवंबर के दिन तैतिल, गर और वणिज करण का संयोग बन रहा है। सबसे पहले तैतिल करण का निर्माण हो रहा है। इसके बाद गर करण का निर्माण हो रहा है। अंत में वणिज करण का संयोग बन रहा है। इन योग में शुभ कार्य की शुरुआत कर सकते हैं।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 51 मिनट परसूर्यास्त - शाम 05 बजकर 24 मिनट परचन्द्रोदय- देर रात 01 बजकर 29 मिनट पर (25 नवंबर)
चन्द्रास्त- दोपहर 01 बजकर 34 मिनट परब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 04 मिनट से 05 बजकर 57 मिनट तकविजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 36 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 22 मिनट से 05 बजकर 49 मिनट तकनिशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक