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Guru Nanak Jayanti 2024: इसलिए गुरु नानक देव जी ने की थी 4 तीर्थ यात्राएं, क्या था इनका उद्देश्य?

गुरु नानक जयंती का दिन बेहद विशेष होता है। यह दिन सिख धर्म के प्रथम गुरु नानक देव जी को समर्पित है। वह एक ऐसे महान धर्म गुरु थे जिन्होंने जीवन में सदैव दूसरों को अच्छाई का मार्ग दिखाने का कार्य किया। इस बार गुरु नानक जयंती 15 नवंबर (Guru Nanak Jayanti 2024 significance) यानी आज मनाई जा रही है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 15 Nov 2024 12:17 PM (IST)
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Guru Nanak Jayanti 2024: गुरु नानक देव जी की प्रमुख्य उदासियां (यात्रा)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। गुरु नानक जयंती सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक मानी जाती है। यह दिन पहले सिख गुरु गुरु नानक देव जी को समर्पित है। इस दिन को गुरु नानक जी के भक्त और अनुयायी बहुत धूमधाम और भक्ति भाव के साथ मनाते हैं। इसे गुरु पर्व और गुरु नानक प्रकाश उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा यानी आज 15 नवंबर, 2024 को गुरु नानक जयंती मनाई जा रही है, जो गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती (Guru Nanak Jayanti 2024) है। इसे मौके पर आइए नानक जी के जीवन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं।

कब हुआ था गुरु नानक देव जी का जन्म ?

सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल, 1469 में तलवंडी (अब पश्चिम पाकिस्तान) में हुआ था। विवादास्पद भाई बाला जन्मसाखी के अनुसार, यह दावा किया जाता है कि नानक जी का जन्म कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। तभी से सिख समुदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा को गुरु नानक देव जी के जन्म के रूप में मना रहे हैं।

गुरु नानक देव जी की प्रमुख्य उदासियां (यात्रा) - (Guru Nanak Dev Ji Sacred Journeys)

16वीं शताब्दी की पहली तिमाही के दौरान गुरु नानक देव जी आध्यात्मिक ज्ञान की खोज के लिए लंबी उदासियां यानी यात्रा पर चले गए। उनके द्वारा लिखित एक श्लोक में कहा गया है कि उन्होंने "नौ-खंड" यानी ('पृथ्वी के नौ क्षेत्र') की यात्री की है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम के प्रमुख तीर्थस्थल (Guru Nanak’s Four Spiritual Travels) शामिल हैं। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने 1496 में 27 साल की उम्र में तिब्बत, अधिकांश दक्षिण एशिया और अरब का दौरा किया था।

इसके साथ ही मक्का, बगदाद, अचल बटाला और मुल्तान की भी यात्रा की। फिर उन्होंने1508 में बंगाल के सिलहट क्षेत्र का दौरा किया।

इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि नानक जी ने 1510-11 ई. में अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का भी दौरा किया था। वहीं, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि उन्होंने यरूशलेम, वेटिकन, अजरबैजान और सूडान आदि का भी दौरा किया था।

तीर्थ यात्राओं का उद्देश्य

गुरु नानक देव जी की इन तीर्थ यात्राओं (Guru Nanak Dev Ji Teachings) का उद्देश्य धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान को लोगों तक पहुंचाना था। साथ ही वह लोगों को धर्म के प्रति जागरूक और गलत रीतिरिवाजों, कुरीतियों को खत्म करके उनमें प्रेम ,त्याग, संयम और सदाचार की भावना का संचार करना चाहते हैं।

उनकी इन तीर्थ यात्राओं ने लोगों के काफी विचार परिवर्तन भी किए, जिससे उनका जीवन सरल और सात्विक बना।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।