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आज है Kaal Bhairav Jayanti 2024, एक क्लिक में पढ़ें पूजन विधि, प्रिय भोग और पुष्प से लेकर सब कुछ

काल भैरव जयंती (Kaal Bhairav Jayanti 2024) का दिन बहुत ही खास होता है। इस दिन साधक पूजा-पाठ और उपवास रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि भैरव बाबा बहुत जल्द प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए उनकी पूजा भक्तों को अवश्य करनी चाहिए। इस साल काल भैरव जयंती 22 नवंबर 2024 यानी आज मनाई जा रही है तो चलिए इस दिन की सही पूजन विधि जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 22 Nov 2024 09:37 AM (IST)
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Kaal Bhairav Jayanti 2024: भगवान काल भैरव की पूजा विधि।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। कालभैरव जयंती हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह पूरी तरह से भगवान कालभैरव की पूजा के लिए समर्पित है, जिन्हें भगवान शिव का उग्र स्वरूप माना जाता है। इस शुभ दिन पर लोग उपवास रखते हैं और विभिन्न पूजा अनुष्ठान का पालन करते हैं। हर साल काल भैरव जयंती मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल काल भैरव जयंती 22 नवंबर 2024 यानी आज मनाई जा रही है। ऐसा कहा जाता कि इस दिन (Kaal Bhairav Jayanti 2024) सच्ची श्रद्धा के साथ पूजा करके जीवन के सभी कष्टों को आसानी से दूर किया जा सकता है।

अगर आप चाहते हैं, कि आपकी पूजा में किसी भी प्रकार का विघ्न न पड़े, तो आपको इस दिन की पूजा की सही विधि जान लेना चाहिए, जो इस प्रकार है।

काल भैरव जी भोग (Kaal Bhairav Ji Bhog)

  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भैरव बाबा को हलवा, दूध, काला चना, मीठी रोटी और मदिरा का भोग लगाना शुभ माना जाता है।

काल भैरव जी प्रिय पुष्प (Kaal Bhairav Ji Priya Pushpa)

  • भैरव बाबा को चमेली के फूल अति प्रिय हैं।

काल भैरव जयंती तिथि और समय (Kaal Bhairav Jayanti 2024 Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग (Panchang) के अनुसार, काल भैरव जयंती हर साल मार्गशीर्ष या अगहन महीने (Aghan 2024) के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 नवंबर 2024 को शाम 6 बजकर 7 मिनट पर हो चुकी है। वहीं, इस तिथि का समापन कल यानी 23 नवंबर को रात के 7 बजकर 56 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए काल भैरव जयंती इस साल 22 नवंबर यानी आज के दिन मनाई जा रही है।

भगवान काल भैरव की पूजा विधि (Kaal Bhairav Jayanti 2024 Ki Puja Vidhi)

इस दिन सुबह सबसे पहले स्नान करें। भगवान शिव (Lord Shiva) के उग्र अवतार यानी भैरव बाबा का मन ही मन ध्यान करें। भगवान सूर्य देव को जल चढ़ाएं। पूजा कक्ष को साफ करें। व्रत का संकल्प लें। भगवान काल भैरव की एक प्रतिमा स्थापित करें। उन्हें चंदन का तिलक लगाएं। फूल-माला अर्पित करें। मीठी रोटी और हलवे का भोग लगाएं। कालभैरव अष्टकम और मंत्रों का पाठ करें। काल भैरव जी की कथा का पाठ अवश्य करें। आरती से पूजा को पूरी करें। अंत में शंखनाद करें। भगवान कालभैरव का आशीर्वाद लें। शाम के समय भी विधिवत काल भैरव जी की पूजा करें।

मंदिर जाएं और चौमुखी दीपक जलाएं। जरूरतमंदों को भोजन खिलाएं और क्षमता अनुसार धन का दान करें। तामसिक चीजों से परहेज करें। कुत्तों को मीठी रोटी खिलाएं। ऐसा करने से भैरव बाबा की कृपा प्राप्त होगी।

भगवान काल भैरव के मंत्र (Kaal Bhairav Jayanti 2024 Mantra)

  • ॐ काल भैरवाय नमः।।
  • ॐ ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं।।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।