Kartik Amavasya 2024: कब है कार्तिक अमावस्या, इस पाठ को करने से ग्रह दोष से मिलेगा छुटकारा
कार्तिक अमवास्या के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर किसी पवित्र नदी में स्नान करना और गरीबों व जरूरतमंदों में दान आदि करना बहुत ही शुभ माना जाता है। साथ ही इस दिन पर सूर्य देव को अर्घ्य देने से भी लाभ मिलता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि आपको कार्तिक अमावस्या पर किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आप बुरे परिणामों से बचे रह सकें।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि को विशेष महत्व दिया जाता है। इसी प्रकार कार्तिक अमावस्या भी एक महत्वपूर्ण तिथि मानी गई है, क्योंकि इस तिथि पर दीपावली मनाई जाती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि कार्तिक माह की अमावस्या कब मनाई जाएगी और इस दिन पर स्नान-दान का मुहूर्त क्या रहने वाला है।
कब है कार्तिक अमावस्या (Kartik Amavasya Muhurat)
कार्तिक माह की अमावस्या का प्रारम्भ 31 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 52 मिनट पर शुरू हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 01 नवंबर को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में कार्तिक अमावस्या शुक्रवार, 01 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन स्नान-दान का मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहने वाला है -
- स्नान-दान का मुहूर्त - प्रातः 04 बजकर 50 सुबह 05 बजकर 41 मिनट तक
- प्रदोष काल - शाम 05 बजकर 36 मिनट तक रात 08 बजकर 11 मिनट तक
रखें इन बातों का ध्यान
अमावस्या के दिन जप-तप-व्रत करना बहुत ही शुभ माना गया है। साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। साथ ही इस दिन तामसिक भोजन जैसे लहसुन, प्याज और मांस-मदिरा आदि से भी बचना चाहिए। साथ ही यह माना जाता है कि अमावस्या तिथि पर नकारात्मक शक्तियां प्रबल होती हैं। ऐसे में श्मशान घाट या किसी सूनसान जगह आदि पर जाने से बचना चाहिए।यह भी पढ़ें - Masik Shivratri के दिन इन चीजों से करें महादेव का अभिषेक, वैवाहिक जीवन होगा खुशहाल
करें इस स्तोत्र का पाठ
कार्तिक अमवास्या के दिन सुबह के समय नवग्रह स्त्रोत का पाठ करना काफी शुभ माना जाता है। इसके पाठ द्वारा ग्रह संबंधित दोष दूर हो सकते हैं। तो चलिए पढ़ते हैं नवग्रह स्त्रोत -