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Karwa Chauth 2024: इन महिलाओं को नहीं करना चाहिए करवा चौथ का व्रत, बढ़ सकती हैं मुश्किलें

करवा चौथ का व्रत हिंदू धर्म के प्रमुख व्रत-त्योहारों में से एक माना गया है। इस व्रत को निर्जला रखने का विधान है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किन महिलाओं को करवा चौथ (Karwa Chauth 2024 Vrat Niyam) का व्रत नहीं रखना चाहिए अन्यथा उन्हें नकारात्मक परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। चलिए जानते हैं इस विषय में।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 21 Sep 2024 10:54 AM (IST)
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Karwa Chauth 2024: इन महिलाओं को नहीं करना चाहिए करवा चौथ का व्रत (Picture Credit: Freepik)

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह में आनी वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ (Karwa Chauth 2024 Vrat) का व्रत किए जाने का विधान है। ऐसा माना जाता है कि इस व्रत को करने से शादीशुदा जीवन खुशहाल बना रहता है, साथ ही पति को लंबी उम्र भी प्राप्त होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल करवा चौथ का व्रत कब किया जाएगा।

करवा चौथ पूजा मुहूर्त (Karwa Chauth Shubh Muhurat)

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 19 अक्टूबर, 2024 को शाम 06 बजकर 16 मिनट पर शुरू हो रही है। साथ ही इस तिथि का समापन 20 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 46 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में करवा चौथ (Karwa Chauth 2024) का व्रत रविवार, 19 अक्टूबर को किया जाएगा। इस दिन शुभ मुहूर्त ये रहने वाला है -

करवा चौथ पूजा मुहूर्त - शाम 05 बजकर 47 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक

करवा चौथ व्रत समय - सुबह 06 बजकर 34 मिनट से शाम 07 बजकर 22 मिनट पर

करवा चौथ के दिन चन्द्रोदय का समय - शाम 07 बजकर 22 मिनट पर

ये लोग न करें व्रत

करवा चौथ का व्रत निर्जला रखे जाने का विधान है और इस व्रत में पूरे दिन अन्न-जल का त्याग करना होता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इस व्रत को रखने से बचना चाहिए। ये उनके व गर्भस्त शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को करवा चौथ का व्रत न करने की सलाह दी जाती है।

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शास्त्रों में कही गई है ये बात

करवा चौथ (Karwa Chauth Vrat) का व्रत मुख्य रूप से पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाओं द्वारा किया जाता है। वहीं शास्त्रों में भी वर्णन मिलता है कि इस व्रत को केवल सुहागिन महिलाओं को ही करना चाहिए। ऐसे में कुवारी कन्याओं को यह व्रत नहीं करना चाहिए। लेकिन यदि आपको विवाह तय हो चुका है और इस व्रत को किया जा सकता है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है