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Margashirsha Month 2024: आज से शुरू हुआ मार्गशीर्ष माह, इन चमत्कारी उपाय से सभी पाप होंगे खत्म

सनातन धर्म में हर माह में विशेष महत्व है। सभी माह किसी न किसी देवी और देवता को समर्पित है। कार्तिक माह के बाद मार्गशीर्ष (Margashirsha Month 2024) आता है। इस माह में जगत के पालनहार भगवान श्रीकृष्ण की पूजा-अर्चना करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि उपासना करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और सभी संकट दूर होते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 16 Nov 2024 10:41 AM (IST)
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Margashirsha Month 2024: मार्गशीर्ष माह का धार्मिक महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। मार्गशीर्ष माह भगवान श्रीकृष्ण और मां लक्ष्मी की उपासना करने के लिए शुभ माना जाता है। इस माह में स्नान, पूजा जप-तप और दान करने का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि विधिपूर्वक उपासना करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करने से जातक को सभी तरह के दोषों से छुटकारा मिलता है। आइए इस लेख में जानते हैं कि जीवन को खुशहाल बनाए रखने के लिए मार्गशीर्ष माह (Margashirsha Month 2024) में कौन-कौन से उपाय करने चाहिए?

मार्गशीर्ष माह 2024 डेट

पंचांग के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के बाद मार्गशीर्ष का महीना शुरू हो जाता है। ऐसे में मार्गशीर्ष माह की शुरुआत आज यानी 16 नवंबर से हो गई है। साथ ही इसका समापन 15 दिसंबर को होगा।  

जरूर करें ये कार्य

मार्गशीर्ष माह को अगहन माह के नाम से भी जाना जाता है। यह महीना भगवान श्रीकृष्ण को बेहद प्रिय है। सनातन शास्त्रों में मार्गशीर्ष माह में यमुना नदी में स्नान करने का वर्णन देखने को मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि यमुना नदी में स्नान करने से जातक के सभी दोष खत्म हो जाते हैं। वहीं, इस माह के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा मृगशिरा नक्षत्र में रहता है। इसी वजह से इस माह को मार्गशीर्ष के नाम से जाना जाता है।

Pic Credit- Freepik

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एकादशी व्रत से मोक्ष की होती है प्राप्ति

  • इस माह में कृष्ण में पक्ष में उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi 2024) और शुक्ल पक्ष में मोक्षदा एकादशी (Kab Hai Mokshada Ekadashi 2024) का व्रत किया जाता है। इन दोनों एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। मान्यता है कि मोक्षदा एकादशी व्रत करने से जातक को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार, मोक्षदा एकादशी पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाई थी। इसी वजह से इस तिथि पर गीता जयंती का पर्व मनाया जाता है।  
  • इसके अलावा मार्गशीर्ष माह में शंख की पूजा-अर्चना करने का विधान है। माना जाता है कि उपासना करने से श्रीकृष्ण प्रसन्न होते हैं और शंख के पानी का छिड़काव करने से नकारात्मक शक्ति दूर होती है। साथ ही घर में सुख-शांति का वास होता है।
  • मार्गशीर्ष माह में रोजाना सूर्य देव को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है। सूर्य देव की उपासना करने से साधक को सभी तरह के संकटों से छुटकारा मिलता है। साथ ही रुके हुए काम पूरे होते हैं।
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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।