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Pitru Paksha 2024: कैसे होता है सप्तमी तिथि का श्राद्ध? जानें इसका सही नियम

आज पितृ पक्ष का छठा दिन है। यह पूर्ण रूप से पितरों के पूजा अनुष्ठान के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो लोग इस दिन सच्ची श्रद्धा के साथ तर्पण पिंडदान व दान-पुण्य करते हैं उन्हें धन सुख और शांति की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है तो आइए तर्पण का सही नियम यहां जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 23 Sep 2024 11:20 AM (IST)
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Pitru Paksha 2024: सप्तमी तिथि का श्राद्ध कैसे करें?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है, इसे श्राद्ध काल के रूप में भी जाना जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, यह हर साल भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है, जो 16 दिनों तक चलता है और महालय अमावस्या पर समाप्त होता है, जिसे सर्व पितृ अमावस्या भी कहा जाता है। आज हम पितृ पक्ष की सप्तमी तिथि का श्राद्ध (Pitru Paksha 2024) कैसे करना है? इसके बारे में विस्तार से जानेंगे, तो आइए यहां जानते हैं।

सप्तमी तिथि का श्राद्ध कैसे करें?

सबसे पहले सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। फिर शुद्ध वस्त्र धारण करें। इसके बाद देवी-देवताओं, ऋषियों और पितरों के नाम का उच्चारण करें। फिर श्राद्ध का संकल्प लें। सबसे पहले चावल के पिंड बनाकर पितरों को अर्पित करें। इसके पश्चात उन पिंडों को गंगा नदी में प्रवाहित करें। फिर तिल, चावल, और कुशा डालकर अपने सभी पितरों का ध्यान करते हुए उनका तर्पण करें।

इससे पितरों की आत्मा तृप्त होती है। जानकारी के लिए बता दें, श्राद्ध कर्म दोपहर के समय करना चाहिए। श्राद्ध कर्म के बाद पितरों के नाम से दान-पुण्य जरूर करें।

पितर देवता का पूजन मंत्र

1. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।

2. ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।

3. ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च

नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:

आज का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा। वहीं, रवि योग सुबह 06 बजकर 10 मिनट से रात 10 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से 03 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप पूजा-पाठ और दान-पुण्य कर सकते हैं।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।