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Pradosh Vrat के दिन इन गलतियों से महादेव हो सकते हैं नाराज, यहां पढ़ें क्या करें और क्या न करें?

शिव पुराण में प्रदोष व्रत की महिमा का वर्णन देखने को मिलता है। हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी पर प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) किया जाता है। जीवन के संकट और दुख को दूर करने के जातक व्रत रखते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को भगवान शिव (Lord Shiv) की कृपा प्राप्त होती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 25 Nov 2024 10:14 AM (IST)
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Lord Shiv: प्रदोष व्रत के न करें ये गलतियां
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में भगवान शिव की पूजा-अर्चना का अधिक महत्व है। प्रदोष व्रत के दिन महादेव की उपासना संध्याकाल में करने का विधान है। साथ ही विशेष चीजों के द्वारा भगवन शिव का अभिषेक किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि प्रदोष व्रत को विधिपूर्वक करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जातक के विवाह में आ रही बाधा दूर होती है। माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन कुछ गलतियों को करने से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में चलिए हम आपको इस लेख में बताएंगे कि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat Ke Niyam) के दिन क्या करें और क्या न करें?

प्रदोष व्रत के दिन क्या करें

  • प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें।
  • सात्विक भोजन का सेवन करें।
  • भगवान शिव का विशेष चीजों से अभिषेक करें।
  • व्रत के नियम का पालन करें।
  • मंदिर या गरीब लोगों में श्रद्धा अनुसार अन्न, धन और वस्त्र का दान करें।
  • घर और मंदिर की साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। गंगाजल का छिड़काव कर घर को शुद्ध करें।
  • घर की उत्तर-पूर्व दिशा में भगवान शिव और मां पार्वती की मूर्ति को स्थापित करें।
  • शिव जी की पूजा में बेलपत्र, चंदन, धतूरा, भांग और गाय का कच्चा दूध शामिल करें।
  • विधिपूर्वक भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करें। साथ ही शिव चालीसा और मंत्रों का जप करें।
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प्रदोष व्रत के दिन क्या न करें

  • प्रदोष व्रत के दिन किसी से लड़ाई-झगड़ा न करें। साथ ही किसी के बारे में गलत न सोचें।
  • भगवान शिव की पूजा थाली में केतकी के फूल और हल्दी को शामिल न करें।
  • शिवलिंग पर टूटे हुए चावल अर्पित न करें।
  • इसके अलावा प्याज, लहसुन और तामसिक चीजों के सेवन से दूर रहें।
  • महिलाओं का अपमान करें। पक्षी-पक्षी को परेशान न करें।

महादेव की इस मुहूर्त में करें पूजा

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 28 नवंबर को सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी। इसके अगले दिन यानी 29 नवंबर को सुबह 08 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार 28 नवंबर (Pradosh Vrat 2024 Date) को मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम को 05 बजकर 24 मिनट से लेकर 08 बजकर 06 मिनट तक है।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।