Gupt Navratri 2024: वर्षों बाद गुप्त नवरात्र की नवमी तिथि पर साध्य योग समेत बन रहे हैं ये 7 अद्भुत संयोग
गुप्त नवरात्र की नवमी तिथि (Gupt Navratri 2024) पर मां दुर्गा सिद्धिदात्री की साधना की जाती है। धार्मिक मत है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यों में सिद्धि मिलती है। साथ ही व्रती की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। ज्योतिषियों की मानें तो गुप्त नवरात्र की नवमी तिथि पर एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ashadha Gupt Navratri 2024: सनातन धर्म में गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व है। इस दौरान जगत जननी मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। गुप्त नवरात्र की नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मार्कण्डेय पुराण में मां सिद्धिदात्री की महिमा का वर्णन विस्तार पूर्वक किया गया है। मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जीवन में सुख, समृद्धि एवं खुशहाली का आगमन होता है। ज्योतिषियों की मानें तो गुप्त नवरात्र की नवमी तिथि पर साध्य योग समेत 7 दुर्लभ संयोग बन रहे हैं। आइए, इन योग के बारे में जानते हैं-
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शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि संध्याकाल 07 बजकर 19 मिनट तक है। इसके बाद दशमी तिथि शुरू हो जाएगी। हालांकि, मां सिद्धिदात्री की उपासना निशा काल में भी की जाती है। इसके लिए साधक संध्याकाल में भी मां की उपासना कर सकते हैं।
साध्य योग
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि पर साध्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सिद्ध योग के बाद हो रहा है। सिद्ध योग सुबह 7 बजे तक है। इसके बाद साध्य योग पूर्ण रात्रि तक है। साध्य योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।
रवि योग
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दिन भर है। इस योग में मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
करण
गुप्त नवरात्र की नवमी तिथि पर बालव, कौलव और तैतिल करण का निर्माण हो रहा है। इन योग में मां की पूजा-उपासना कर सकते हैं। इस दिन सर्वप्रथम बालव करण का निर्माण हो रहा है। इसके बाद कौलव करण का निर्माण होगा। कौलव करण का समापन संध्याकाल 07 बजकर 19 मिनट पर होगा। इसके बाद तैतिल करण का निर्माण होगा।
शिववास योग
गुप्त नवरात्र की नवमी तिथि पर शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। भगवान शिव संध्याकाल 07 बजकर 19 मिनट तक कैलाश पर जगत जननी मां पार्वती के साथ रहेंगे। इस योग में जगत जननी मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से साधक को हर कार्य में सफलता मिलती है। इस दिन स्वाति नक्षत्र का संयोग बन रहा है।
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