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Surya Grahan 2024: इस दिन लगेगा साल का अंतिम सूर्य ग्रहण, जानें क्या करें और क्या न करें?

सनातन धर्म में अमावस्या तिथि को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता। यह तिथि पितरों के निमित्त तर्पण करने के लिए उत्तम मानी जाती है। इस तिथि पर पूजा-अर्चना करने से पितरों की आत्मा को शांति प्राप्त होती है। इस बार सर्वपितृ अमावस्या (Surya Grahan 2024 Date) पर सूर्य ग्रहण का साया रहेगा। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों के बारे में।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 23 Sep 2024 02:00 PM (IST)
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Solar Eclipse 2024: सूर्य ग्रहण से संबंधित नियम

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Surya Grahan 2024: सनातन धर्म में अमावस्या के दिन पूजा, जप-तप और दान आदि करने का विधान है। साथ ही गंगा स्नान भी किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि  इन शुभ कार्यों को करने से जातक के अनजाने में किए हुए सारे पाप कट जाते हैं। इसके पश्चात विधिपूर्वक से भगवान विष्णु और पितरों की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसा करने से जातक को अमोघ फल की प्राप्ति होती है। आश्विन माह की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा। माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान कुछ कार्यों को करने से जातक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण (Surya Grahan 2024 Upay) के दौरान क्या करें और क्या न करें?

कब लगेगा सूर्य ग्रहण?

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की अमावस्या यानी 02 अक्टूबर को वर्ष का अंतिम सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) लगने वाला है। यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इसी वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा।  

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सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें

  • सूर्य ग्रहण के समय सूर्य देव के मंत्रों का जप करें। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जप करना जातक के लिए फलदायी साबित होता है।
  • सूर्य ग्रहण के समाप्त होने के बाद स्नान करें। पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें।
  • पूजा-अर्चना करने के बाद श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में दान करें।  
  • पक्षी-पक्षियों को भोजन खिलाएं।  

सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें

  • सूर्य ग्रहण के समय भोजन न बनाएं। ऐसा करने से राहु के प्रभाव की वजह से भोजन दूषित हो जाता है।
  • इसके अलावा किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए।  
  • सूर्य ग्रहण के दौरान मंदिर के कपाट बंद रखें।  
  • देवी-देवताओं की प्रतिमा को स्पर्श न करें।
  • पूजा करने की भी सख्त मनाही है।  
  • ग्रहण के समय किसी भी व्यक्ति को गलत न बोलें।  
  • गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं जाना चाहिए।  

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।