Gupt Navratri 2024: दशकों बाद गुप्त नवरात्र की षष्ठी तिथि पर वरीयान योग समेत बन रहे हैं ये 7 अद्भुत संयोग
मां दुर्गा के शरणागत रहने वाले साधकों की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। ज्योतिष बुरे दौर से निकलने के लिए मां दुर्गा की पूजा करने की सलाह देते हैं। मां दुर्गा की पूजा करने से व्यक्ति में अदम्य साहस और शक्ति का संचार होता है। इस सकारात्मक शक्ति से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की राह पर बढ़ता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Ashadha Gupt Navratri 2024: गुप्त नवरात्र की षष्ठी तिथि पर मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। साथ ही मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए मां कात्यायनी के निमित्त व्रत रखा जाता है। मां कात्यायनी की पूजा करने से जातक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही घर में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है। ज्योतिषियों की मानें तो गुप्त नवरात्र के छठे दिन एक साथ कई शुभ योग बन रहे हैं।
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वरीयान योग
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के छठे दिन वरीयान योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग दिन भर है। वहीं, वरीयान योग का समापन 12 जुलाई को सुबह 04 बजकर 09 मिनट पर होगा। इस योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होगी।
रवि योग
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष के छठे दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 01 बजकर 04 मिनट से हो रहा है। वहीं, समापन 12 जुलाई को सुबह 05 बजकर 49 मिनट पर होगा। इस योग में मां दुर्गा की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
शिववास योग
गुप्त नवरात्र की षष्ठी तिथि पर शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। भगवान शिव सुबह 10 बजकर 03 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे। इसके बाद नंदी की सवारी करेंगे। इन योग में जगत जननी मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को हर कार्य में सफलता मिलती है।
करण
गुप्त नवरात्र के छठे दिन बालव, कौलव, तैतिल करण का निर्माण हो रहा है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा उपासना कर सकते हैं। इस दिन सर्वप्रथम बालव करण का निर्माण हो रहा है। इसके बाद कौलव करण का निर्माण होगा। कौलव करण का समापन 11 बजकर 16 मिनट पर होगा। इसके बाद तैतिल करण का निर्माण होगा।
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