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Sankashti Chaturthi व्रत में इन चीजों के सेवन से प्राप्त होगी गणपति बप्पा की कृपा, कार्यों में मिलेगी सफलता

हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर गणपति बप्पा की उपासना करने का विधान है। इस तिथि पर साधक शुभ फल की प्राप्ति के लिए व्रत रखते हैं। आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। आइए इस लेख में जानते हैं संकष्टी चतुर्थी व्रत में किन चीजों का सेवन कर सकते हैं।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Sat, 21 Sep 2024 11:19 AM (IST)
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Lord Ganesh: संकष्टी चतुर्थी व्रत में क्या खाएं?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान गणेश की पूजा-अर्चना और उनकी कृपा प्राप्ति के लिए चतुर्थी व्रत शुभ माना जाता है। भगवान गणेश की पूजा के लिए चतुर्थी तिथि उत्तम मानी जाती है। हर साल आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर विधिपूर्वक गणपति बप्पा की उपासना करने से जातक को सभी तरह के विघ्नों से छुटकारा मिलता है। साथ ही कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। अगर आप विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी (Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2024) व्रत कर रहे हैं, तो खानपान के नियम का जरूर पालन करें। मान्यता है कि नियम का पालन न करने से साधक को जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vighnaraja Sankashti Chaturthi Shubh Muhurat)

पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 20 सितंबर को रात 09 बजकर 15 मिनट पर हुआ है। वहीं, इस तिथि का समापन 21 सितंबर को शाम 06 बजकर 13 मिनट पर होगा। ऐसे में विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी आज यानी 21 सितंबर को मनाई जा रही है।

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विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी व्रत में क्या खाएं?

इस दिन सुबह स्नान करने के बाद सच्चे मन से भगवान गणेश जी पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद प्रभु को प्रिय चीजों का भोग लगाएं। दिनभर व्रत रखें और प्रभु के नाम का जप करें। व्रत का फलाहार रात्रि में उपासना करने के बाद किया जाता है। व्रत के दौरान शकरकंदी, सिंघाड़ा, मूंगफली, साबूदाने की टिक्की और दूध और दही का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा मूंगफली, फल और मिठाई को भी फलाहार में शामिल किया जा सकता है। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि व्रत के भोजन में सेंधा नमक का प्रयोग करें।

जरूर लगाएं भोग

व्रत में इन चीजों को ग्रहण करने से पहले भगवान गणेश का भोग जरूर लगाएं। प्रभु को भोग लगाते समय निम्न मंत्र का जप करें। ऐसी मान्यता है कि मंत्र जप के बिना प्रभु भोग स्वीकार नहीं करते हैं।

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।