Vinayak Chaturthi 2024: अक्टूबर महीने में कब है विनायक चतुर्थी? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
आश्विन माह की प्रतिपदा तिथि से लेकर नवमी तिथि तक शारदीय नवरात्र मनाया जाता है। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी (Vinayak Chaturthi 2024) मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर मां दुर्गा के चौथे स्वरूप मां कुष्मांडा की पूजा जाती है। इसके साथ ही भगवान गणेश की भी उपासना की जाती है। भगवान गणेश की पूजा करने से सुख और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि (Vinayak Chaturthi 2024) भगवान गणेश को समर्पित होता है। इस शुभ तिथि पर विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। विनायक चतुर्थी पर गणपति बप्पा की पूजा की जाती है। साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि पाने के लिए व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से आय, सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसके अलावा, जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाते हैं। अतः साधक भक्ति भाव से भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayak Chaturthi Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 06 अक्टूबर को प्रातः काल 07 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इसका समापन 07 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 47 मिनट पर होगा। इस दिन चन्द्रास्त शाम 07 बजकर 53 मिनट पर होगा। साधक 06 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी व्रत रख सकते हैं।
यह भी पढ़ें: नवंबर महीने में कब है तुलसी विवाह? नोट करें शुभ मुहूर्त एवं योग
विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayak Chaturthi Shubh Yog)
आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर दुर्लभ प्रीति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग रात्रि भर है। इसके साथ ही रवि योग का भी संयोग बन रहा है। इसके अलावा, रात्रि में भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। इन योग में गणपति बप्पा की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट अवश्य दूर हो जाएंगे।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 06 बजकर 17 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 06 बजकर 01 मिनट पर
चन्द्रोदय- सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर
चंद्रास्त- शाम 07 बजकर 53 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 39 मिनट से 05 बजकर 28 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 06 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 01 मिनट से 06 बजकर 25 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक
यह भी पढ़ें: मासिक शिवरात्रि से लेकर नवरात्र तक, नोट करें व्रत-त्योहार की डेट
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।