Move to Jagran APP

International Yoga Day 2024: योग का उच्चतम स्वरूप है क्रिया योग, जानें धार्मिक महत्व एवं लाभ

भगवान श्रीकृष्ण ने भी श्रीमद्भगवद्गीता में दो बार क्रिया योग (International Yoga Day 2024) का अत्यंत सुंदर शब्दों में उल्लेख किया है। लाखों लोग क्रिया योग को अपनी जीवनशैली के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित हुए हैं। स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरिजी के गुरु लाहिड़ी महाशय ने बल दिया था कि क्रिया योग का वास्तविक लाभ इसके अभ्यास में निहित है।

By Jagran News Edited By: Pravin KumarPublished: Mon, 17 Jun 2024 02:22 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jun 2024 02:22 PM (IST)
International Yoga Day 2024: क्रिया योग के लाभ

विवेक अत्रे (आध्यात्मिक अध्येता): अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 2024) वैश्विक कैलेंडर का एक अभिन्न अंग बन गया है, तथापि इसका वास्तविक महत्व हमारी आत्माओं में निहित है। योग का सहज अर्थ है ईश्वर के साथ मिलन। संपूर्ण विश्व के अधिकतर लोग अब भी योग को शारीरिक व्यायाम, योगासन आदि के रूप में ही जानते हैं, परंतु वस्तुतः योग और भी बहुत कुछ है, जिसे समझने और अभ्यास करने की आवश्यकता है।

प्रसिद्ध आध्यात्मिक ग्रंथ 'योगीकथामृत' के लेखक आध्यात्मिक योग गुरु श्री श्री परमहंस योगानंद ने योग के सही अर्थ के बारे में सत्य की खोज करने वालों को शिक्षा प्रदान करने के लिए पश्चिमी जगत की यात्रा की। जो लोग जीवन का सच्चा अर्थ खोज रहे हैं, उन व्यक्तियों के लिए कार्य योजना के एक अभिन्न अंग के रूप में परमहंसजी द्वारा ध्यान के अभ्यास पर बल देना सामयिक के साथ-साथ कालातीत भी था।

यह पढ़ें: पाना चाहते हैं जीवन में सुख और शांति, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

योगानंद जी ने जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य, आत्म-साक्षात्कार अर्थात ईश्वर के साथ योग (एकता) की प्राप्ति के लिए आध्यात्मिक प्रयास को एकमात्र उपाय बताया। स्वयं उनके गुरु, स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरि की प्रसिद्ध उक्ति है, 'यदि आप अभी आध्यात्मिक प्रयास कर रहे हैं तो भविष्य में सब कुछ सुधर जाएगा!'

योगानंद जी के अनुसार, क्रिया योग योग का उच्चतम स्वरूप है। उन्होंने ईश्वर से संपर्क की प्राप्ति के लिए इसी विशिष्ट वैज्ञानिक मार्ग का अनुसरण करने पर बल दिया है। क्रिया योग में कुछ विशिष्ट वैज्ञानिक प्रविधियों का समावेश है, जो अभ्यासकर्ता को न केवल अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने में सक्षम बनाती हैं, अपितु इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि यह योगी को अंतत: सच्ची शांति और आनंद प्राप्त करने में भी सक्षम बनाती है, जो हमारे अंतर में ईश्वर की विद्यमानता का स्पष्ट संकेत है।

योगानंद जी ने अपने अनुयायियों को यह बताया कि प्रत्येक व्यक्ति क्रिया योग मार्ग का अभ्यास कर सकता है और यह मार्ग निश्चित रूप से अस्तित्व के उच्चतम जगत का प्रवेशद्वार है। उन्होंने कुछ प्रारंभिक प्रविधियों के साथ-साथ आदर्श-जीवन दर्शन के बारे में भी विस्तार से बताया है, जो क्रिया योग ध्यान के उच्चतम द्वार की ओर ले जाने के लिए आवश्यक उपाय है।

यह पढ़ें: मानसिक तनाव से पाना चाहते हैं निजात, तो इन बातों को जरूर करें आत्मसात

भगवान श्रीकृष्ण ने भी श्रीमद्भगवद्गीता में दो बार क्रिया योग का अत्यंत सुंदर शब्दों में उल्लेख किया है। लाखों लोग क्रिया योग को अपनी जीवनशैली के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित हुए हैं। स्वामी श्रीयुक्तेश्वर गिरिजी के गुरु लाहिड़ी महाशय ने बल दिया था कि क्रिया योग का वास्तविक लाभ इसके अभ्यास में निहित है। हमारे अस्तित्व के उच्चतर स्तरों का स्वर्णिम प्रवेशद्वार क्रिया योग प्रविधि के सार्थक और नियमित अभ्यास के द्वारा संचालित होता है।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.