iPhone हो या एंड्रॉइड स्मार्टफोन ऐप इन्स्टॉल करने से पहले जरूर ध्यान रखें ये बातें, कहीं बैंक अकाउंट न हो जाए जीरो
Apple और Google अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद ऐप्स की 100 परसेंट सेफ्टी की गारंटी नहीं देते हैं। यही कारण है कि स्मार्टफोन में ऐप इंस्टॉल करने से ऐप्स की अच्छे से पड़ताल कर लें। वरना ये ऐप्स आपकी निजी या फिर बैंकिंग डिटेल्स चुरा सकती हैं। यहां हम आपको कुछ ऐसे तरीक बता रहे हैं जिनसे आप इन स्कैम ऐप्स से बच सकते हैं।
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। iPhone हो या फिर एंड्रॉइड स्मार्टफोन ऐप डाउनलोड करते समय आपको खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है। Apple और Google अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद ऐप्स की 100 परसेंट सेफ्टी की गारंटी नहीं देते हैं।
स्मार्टफोन में इंस्टॉल करने वाले ऐप्स को लेकर अगर आप सावधान नहीं रहे तो संभव है कि ये आपकी पर्सनल जानकारी चुरा कर आपका बैंक बैलेंस जीरो कर दें। आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताएंगे जिनकी मदद से आप स्कैम ऐप्स की पहचान कर पाएंगे।
स्कैम ऐप्स की पहचान कैसे करें?
परमिशन लिस्ट करें चेक: Apple और Google ऐप स्टोर से यूजर्स किसी भी ऐप की परमिशन लिस्ट को चेक कर सकते हैं। इससे यूजर यह पता कर सकते हैं कि कोई ऐप आपके स्मार्टफोन से कौन-कौन सा डेटा एक्सेस कर रही है। अगर कोई ऐप आपके फोन से बिना किसी इस्तेमाल के कोई डेटा एक्सेस कर रही है तो तुरंत उसे बंद कर दें।ऐप की करें पड़ताल: अगर आप किसी ऐप को पेमेंट के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं तो समय समय पर उससे होने वाली लेन-देन को ट्रैक करते रहे। इसके साथ ही किसी ऐप की पेड सब्सक्रिप्शन यूज करते हैं तो इसके ट्रांसजैक्शन की भी पड़ताल करते रहे।
कई बार होता है कि हम कुछ ऐप्स का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं लेकिन ऑटो-पेमेंट ऑन होने के चलते हम उसकी पेमेंट करते रहते हैं। जब आप लेन-देन ट्रैक करते रहेंगे तो अनावश्यक खर्च से बच जाएंगे।
इसके साथ ही कुछ ऐप्स शुरुआत में फ्री ट्रायल ऑफर करती है। बाद में ऐप्स यूजर्स से सब्सक्रिप्शन फी काटने लगती हैं। इस तरह की ऐप्स को भी फोन से अनइंस्टॉल कर लें।भारी पड़ेगा रिव्यू पर भरोसा: ऐप रिव्यू पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। ऐप स्टोर पर ऐप्स के रिव्यू फेक भी हो सकते हैं। इसके साथ ही स्कैमर्स अपनी ऐप की फेक रेटिंग देकर टॉप पोजिशन पर रखते हैं। ऐसे में आपको ऐप इंस्टॉल करने के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए।
फेक ऐप से रखें दूरी: गूगल और एपल के ऐप स्टोर पर स्कैमर्स ने फेक ऐप लिस्ट की हुई हैं। ऐसे में ऐप डाउनलोड करने से पहले उनके लोगो और फॉन्ट को ध्यान से देखें। इसके साथ ही ऐप पब्लिशर के बारे में भी देखें। हमेशा यह सुनिश्चित करें कि आप अपने फोन में ऑफिशियल ऐप ही डाउनलोड करें।थर्ड पार्टी ऐप स्टोर से दूरी: अगर आप अपने फोन में ऐप इंस्टॉल करना चाहते हैं तो हमेशा ऑफिशियल ऐप स्टोर से ऐप इंस्टॉल करें। एंड्रॉइड फोन के लिए कई सारी थर्ड पार्टी ऐप स्टोर मौजूद हैं जहां से यूजर्स ऐप डाउनलोड करते हैं। एपल यूजर्स इस मामले में सेफ हैं क्योंकि कंपनी थर्ड पार्टी ऐप स्टोर से ऐप डाउनलोड करने की अनुमति नहीं देती है। हालांकि यूरोप में आईफोन यूजर्स को ऐप साइडलोड सपोर्ट मिलने लगा है।
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बैंकिंग फ्रॉड से बचने के लिए फॉलो करें ये टिप्स
- बैंक के अधिकारी कभी भी ग्राहकों से KYC डिटेल, ओटीपी, डेबिट या क्रेडिट कार्ड पिन या सीवीवी की जानकारी कॉल पर नहीं पूछते हैं।
- फोन कॉल पर किसी से भी KYC डिटेल जैसे पैन कार्ड, डेट ऑफ बर्थ की जानकारी न दें।
- बैंक से जुड़ी आने वाली कॉल के मोबाइल नंबर की ऑथेन्टिसिटी जरूर जांच लें।
- इसके साथ ही मोबाइल नंबर चेंज रिक्वेस्ट के लिए आने वाली कॉल पर भरोसा न करें। बैंक के कर्मचारी फोन पर मोबाइल अपडेट के लिए कभी कॉल नहीं करते हैं।
- रिफंड से जुड़ी कॉल या ईमेल की ऑथेन्टिसिटी चेक करने के बाद ही अपनी डिटेल शेयर करें।
- अगर आप बैंक के कस्टमर केयर या कॉल सेंटर का नंबर खोज रहे हैं तो बैंक के ऑफिशियल वेबसाइट से ही लें।
- अपने फोन में थर्ड पार्टी स्क्रीन शेयरिंग ऐप जैसे Any desk/ Team viewer/ Quick support जैसी ऐप इंस्टॉल न करें।