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इंडियन स्पोर्ट्स इंडस्ट्री में 2030 तक भारी ग्रोथ की उम्मीद, पैदा कर सकता है 1 करोड़ से ज्यादा नौकरियां: रिपोर्ट

Google-Deloitte की एक नई रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत के स्पोर्ट्स सेक्टर में 14% की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से ग्रोथ होने की उम्मीद है जो भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट से लगभग दोगुनी है। इस रिपोर्ट का टाइटल ‘थिंक स्पोर्ट्स अनलॉकिंग इंडियाज $130B स्पोर्ट्स पोटेंशियल’ है। ये ग्रोथ 2030 तक 10.5 मिलियन जॉब्स पैदा करने में भी मदद कर सकती है।

By Saket Singh Edited By: Saket Singh Updated: Thu, 14 Nov 2024 06:27 PM (IST)
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भारत के स्पोर्ट्स सेक्टर में 2030 तक भारी ग्रोथ की उम्मीद है।
 टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। भारत के स्पोर्ट्स सेक्टर में 14% की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) से ग्रोथ होने की उम्मीद है, जो भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट से लगभग दोगुनी है। इसकी मुख्य वजहें बढ़ते सरकारी निवेश, मल्टी स्पोर्ट्स कल्चर की ग्रोथ, डिजिटल एडॉप्शन और हाई-क्वालिटी स्पोर्ट्स कंटेंट हैं। इस सेक्टर के 2030 तक $130 बिलियन के वैल्यूएशन तक पहुंचने का अनुमान है। ये जानकारी Google-Deloitte की एक नई रिपोर्ट में बताया गया है। इसका टाइटल ‘थिंक स्पोर्ट्स: अनलॉकिंग इंडियाज $130B स्पोर्ट्स पोटेंशियल’ है। रिपोर्ट के मुताबिक, ये ग्रोथ 2030 तक 10.5 मिलियन जॉब्स क्रिएट कर सकती है और $21 बिलियन का इनडायरेक्ट टैक्स रेवेन्यू जनरेट कर सकती है।

रिपोर्ट में भारतीयों के खेल देखने के तरीके में आए मूलभूत बदलाव को भी हाइलाइट किया गया है, जिसमें 90% फैन्स अब कई खेलों को फॉलो करते हैं। क्रिकेट अभी भी प्रमुख बना हुआ है, लेकिन कबड्डी और फुटबॉल ने क्रमशः 120 मिलियन और 85 मिलियन फैन्स के साथ बड़े पैमाने पर फैनबेस हासिल किया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म खेल की कंजप्शन को नया रूप दे रहे हैं, खासकर Gen Z के बीच, जो फैन बेस का 43% हिस्सा हैं। गौर करने वाली बात ये है कि Gen Z के 93% फैन्स डिजिटल तरीके से स्पोर्ट्स कंटेंट को एक्सेस करते हैं और फैन्स अब ऑन-डिमांड और पर्सनलाइज्ड एक्सपीरिएंस को प्राथमिकता देते हुए नॉन-लाइव स्पोर्ट्स कंटेंट पर 20% ज्यादा समय बिताते हैं।

'गूगल इंडिया के मैनेजिंग एडिटर (अंतरिम कंट्री लीड) रोमा दत्ता चौबे ने कहा, 'यह भारत में खेलों के लिए एक महत्वपूर्ण पल है और रिपोर्ट देश के लिए खेलों की वैल्यू को अनलॉक करने के लिए एक स्पष्ट मार्ग की रूपरेखा प्रस्तुत करती है। हम मल्टी-स्पोर्ट फैनडम में उछाल, डिजिटल प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता और Gen Z से गहरे जुड़ाव देख रहे हैं, जो भारत के स्पोर्ट्स फैनबेस के सबसे बड़े हिस्से का रिप्रेजेंट करते हैं। ये ट्रेंड इनोवेशन और इंगेजमेंट के लिए एक उपजाऊ जमीन बनाते हैं, जो ऑर्गेनाइजेशन्स और बिजनेस को पूरे देश में उत्साही फैन्स से जुड़ने के लिए यूनित मौका देते हैं।'

इसके अलावा, एक बढ़ते हुए और ज्यादा डायवर्स फैनबेस को भी अब साफ तौर पर देखा जा सकता है, जिसमें अब भारत के 655 मिलियन स्पोर्ट्स फैन्स में से 36% महिलाएं हैं और 59% फैन्स ग्रामीण क्षेत्रों से आते हैं। खो-खो और बैडमिंटन जैसे खेल फीमेल फैन्स के बीच खास तौर से पॉपुलर हैं। वहीं, रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि स्पोर्ट्स गुड्स और अपारेल मार्केट 2030 तक दोगुना होकर 58 बिलियन डॉलर हो जाएगा। जबकि स्पोर्ट्स टेक्नोलॉजी सेक्टर, फैन्स इंगेजमेंट और ऑपरेशन एफिशिएंसी के चलते 19% CAGR के साथ एक बिलियन डॉलर का बाजार बनने की उम्मीद है।

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