क्या जासूसी ऐप है संचार साथी: एंड्रॉयड और iOS में कौन-सी परमिशन हैं जरूरी?
Sanchar Saathi ऐप को सभी फोन में प्री-इंस्टॉल दिए जाने के बाद इसके बारे में कई तरह की बातें हो रही हैं। एंड्रॉयड और iOS डिवाइस में इस ऐप को इंस्टॉल करते समय कुछ परमिशन की जरूरत होती है। प्राइवेसी को लेकर कुछ चिंताएं भी हैं, इसलिए ऐप को इस्तेमाल करते समय सावधानी बरतनी चाहिए और परमिशन को ध्यान से देखना चाहिए।

टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्मार्टफोन कंपनियों को संचार साथी ऐप प्री-इंस्टॉल देने के लिए कहा है। इसके लिए सरकार ने 90 दिनों का वक्त दिया है। सरकार ने मोबाइल कंपनियों को पुराने फोन में सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए संचार साथी ऐप को इंस्टॉल करने के लिए भी कहा है। सरकार के इस आदेश के बाद विपक्ष ने इसका विरोध करते हुए संचार साथी ऐप को जासूसी ऐप करार दिया है।
क्या जासूसी ऐप है संचार साथी?
संचार साथी ऐप सरकारी साइबर सिक्योरिटी टूल है, जिसे इस साल जनवरी में लॉन्च किया गया था। इस ऐप को एपल और गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप की मदद से यूजर्स साइबर फ्रॉड, फोन चोरी और कॉल-मैसेज या वॉट्सऐप पर होने वाले फ्रॉड को रिपोर्ट कर सकते हैं। इन सब कामों के लिए संचार साथी ऐप को कुछ परमिशन की जरूरत होती हैं। यहां हम आपको इन सब परमिशन के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
Android ऐप में जरूरी परमिशन
फोन कॉल करना और उन्हें मैनेज करना : फोन में मोबाइल नंबर की पहचान के लिए
SMS भेजना: ऐप में रजिस्ट्रेशन के लिए DoT को SMS भेजना।
Call/SMS लॉग: कॉल या एसएमएस को संचार साथी ऐप में रिपोर्ट करने के लिए
फोटो और फाइल्स: कॉल या एसएमएस की इमेज अपडेट करने, चोरी हुए मोबाइल और दूसरे डॉक्यूमेंट के लिए
कैमरा: फोन के IMEI नंबर को स्कैन करने के लिए
iOS ऐप में जरूरी परमिशन
फोटो और फाइल्स : किसी फ्रॉड को रिपोर्ट करने के लिए कॉल-एसएमएस की इमेज या चोरी या खोए फोन की रिपोर्ट करने के लिए
कैमरा: फोन के IMEI नंबर को स्कैन करने के लिए
संचार साथी ऐप को लेकर सरकार कहना है कि यह ऐप यूजर्स कि पर्सनल जानकारी को ऑटोमेटिक कैप्चर नहीं करती है। इसके साथ ही सरकार का यह भी कहना है कि अगर यूजर्स कोई निजी जानकारी मांगी जाती है तो उन्हें यह बताया जाता है कि यह डेटा क्यों मांगा जा रहा है। इसके साथ ही यूजर्स के पर्सनल इंफॉर्मेशन को प्रोटेक्ट करने के लिए सभी जरूरी सुरक्षा उपायों का ख्याल रखा जाता है।
संचार साथी ऐप की वेबसाइट में बताया गया है कि यूजर की पर्सनल जानकारी को किसी भी थर्ड पार्टी के साथ शेयर नहीं किया जाता है। हालांकि, जरूरत पड़ने पर इस डेटा को इन्फॉर्मेसमेंट एजेंसियों के साथ शेयर किया जा सकता है।
एपल ऐप स्टोर में संचार साथी ऐप को लेकर दावा किया गया है कि इस ऐप के डेवलपर यूजर का कोई भी डेटा कलेक्ट नहीं करते हैं। एंड्रॉयड प्ले स्टोर में दावा किया गया है कि यह ऐप न तो डेटा कलेक्ट करती है और किसी भी थर्ड पार्टी के साथ डेटा शेयर नहीं किया जाता है।
क्या ऐप से जासूसी संभव है?
संचार साथी ऐप में मांगी गई परमिशन बहुत सामान्य है। यूपीआई या दूसरी बैंकिंग ऐप्स काम करने के लिए इसी तरह की परमिशन मांगती हैं। वहीं, सोशल मीडिया ऐप्स को हम इससे ज्यादा परमिशन देते हैं। क्योंकि संचार साथी ऐप माइक, लोकेशन, कुछ सेंसर की परमिशन नहीं मांगती है। ऐसे में यह आरोप लगाना कि ऐप जासूसी पूरी तरह से ठीक नहीं है। लेकिन, यह ऐप फोन और एसएमएस, कैमरा और दूसरी परमिशन का एक्सेस जरूरी मांगती है, जिससे इसकी पहुंच आपके संवेदनशील डेटा तक हो जाती है।
कोई ऐप जासूसी कर रही है कैसे पता करें?
कोई ऐप आपकी जासूसी कर रही है। इसका पता लगाना बेहद आसान है। अगर फोन में कोई भी ऐप ओपन नहीं है और स्क्रीन में ऊपर हरे या ऑरेंज कलर की लाइट जल रही है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। आजकल सभी फोन में कैमरा, माइक ऑन होने पर यह लाइट जलती है, जिससे आप पता लगा सकते हैं कि आपके फोन से जासूसी हो रही है।

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